नई दिल्ली: हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष, एस सोमनाथ ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बॉम्बे (IIT Bombay) द्वारा आयोजित वार्षिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी उत्सव, टेकफेस्ट के दौरान छात्रों की एक सभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने छात्रों से भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से योगदान देने और इसरो में शामिल होने की अपील की।
रिपोर्ट के अनुसार, ISRO चीफ सोमनाथ ने कहा कि, "मुझे यह देखकर खुशी होगी कि अधिक से अधिक IITan अंतरिक्ष कार्यक्रम में शामिल होंगे और देश की अंतरिक्ष परियोजनाओं के निर्माण में भाग लेंगे।" जानकारी के मुताबिक, अपने भाषण के दौरान उन्होंने ISRO की भविष्य की परियोजनाओं पर चर्चा की, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान, चंद्रमा पर मनुष्यों को भेजने के मिशन और चंद्रमा आधारित अर्थव्यवस्था का निर्माण शामिल है, जिसे इसरो ने 2047 तक निष्पादित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने 2035 तक 'भारत अंतरिक्ष स्टेशन' (भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन) के प्रक्षेपण का भी उल्लेख किया, जिसका प्रारंभिक चरण 2028 निर्धारित किया गया था।
छात्रों को संबोधित करते हुए, उन्होंने बताया कि ISRO भारत में विभिन्न संस्थानों के साथ विशेष रूप से सामग्री विज्ञान और रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में संभावित अनुसंधान अवसरों की तलाश करेगा। उन्होंने विशेष रूप से IIT बॉम्बे से कक्षा में सेवाओं के लिए रोबोटिक गतिविधियों में अपनी विशेषज्ञता का योगदान देने का आह्वान किया। अपने भाषण के बाद उन्होंने छात्रों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिये। उन्होंने इस चिंता का समाधान किया कि कितने छात्र आकर्षक अंतरराष्ट्रीय नौकरियों का विकल्प चुनते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने एक उदाहरण का जिक्र किया जब उनकी टीम इंजीनियरों की भर्ती के लिए एक IIT में गई थी, लेकिन प्रेजेंटेशन में वेतन संरचना प्रदर्शित करने पर 60 फीसदी उम्मीदवार बाहर चले गए। उन्होंने देश के अंतरिक्ष प्रयासों में योगदान के महत्व पर जोर देते हुए छात्रों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के लिए काम करने पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया।
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