भारतीय सेना के पराक्रमी और अनुभवी अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे (Lieutenant General Manoj Pande) आज देश के नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे हैं। जी हाँ और वह देश के 29वें थल सेना प्रमुख होंगे। आप सभी को बता दें कि इससे पहले भारतीय सेना (indian army) में इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह ने बीते कल शुक्रवार को कोर ऑफ इंजीनियर्स की ओर से नामित थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे को परिधान सौंपे। मिली जानकारी के तहत चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ (Chief Of Army Staff) के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले मनोज पांडे कोर ऑफ इंजीनियर्स के पहले अधिकारी होंगे।
आप सभी को बता दें कि भारतीय सेना में ऐसा पहली बार हो रहा है कि सेना की इंजीनियर कोर के किसी अधिकारी को थलसेना की कमान सौंपी जा रही है। जी दरअसल इससे पहले 28 बार पैदल सेना, तोपखाना और बख्तरबंद रेजिमेंट के अधिकारी ही 13 लाख कर्मियों वाली भारतीय थल सेना के मुखिया बनते रहे हैं। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे अभी थल सेना के उप-प्रमुख हैं और उनके सेना प्रमुख बनाए जाने का ऐलान 18 अप्रैल को किया गया था। आप सभी को बता दें कि एलजी मनोज पांडे जनरल एमएम नरवणे के आज 30 अप्रैल (शनिवार) को रिटायर होने के बाद उनका स्थान लेने जा रहे हैं। जी दरअसल इसी साल एक फरवरी को थल सेना के उप-प्रमुख बनने से पहले मनोज पांडे थल सेना की पूर्वी कमान की अगुवाई कर रहे थे।
केवल यही नहीं बल्कि इस कमान पर सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश सेक्टरों में वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा की जिम्मेदारी है। वहीं लेफ्टिनेंट जनरल पांडे भारतीय सेना की कमान ऐसे समय में संभाल रहे हैं, जब सरकार कई सुरक्षा चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) के एकीकरण को लेकर ध्यान केंद्रित कर रही है। आपको बता दें कि एलजी पांडे अपने करियर के दौरान अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख के तौर पर भी सेवा दे चुके हैं।
आपको बता दें कि मनोज पांडे राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (nda) के पूर्व छात्र हैं और उन्हें दिसंबर 1982 में कोर ऑफ इंजीनियर्स (द बॉम्बे सैपर्स) में नियुक्त किया गया था। जी हाँ और उन्होंने अपने शानदार करियर में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दीं और कई इलाकों में आतंकवाद रोधी अभियानों में हिस्सा भी लिया। जी हाँ और उनके पास जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन पराक्रम’ के दौरान नियंत्रण रेखा के पास एक इंजीनियर रेजिमेंट की कमान संभालने का अनुभव है। इसी के साथ ही उन्हें पश्चिमी लद्दाख के ऊंचाई वाले इलाकों में एक पर्वतीय डिवीजन और पूर्वोत्तर में एक कोर की भी कमान संभाल चुके है।
केवल इतना ही नहीं बल्कि वह इथोपिया और इरिट्रिया में संयुक्त राष्ट्र मिशन में मुख्य इंजीनियर के रूप में भी काम कर चुके हैं। आपको बता दें कि मनोज पांडे सेना मुख्यालय में सैन्य संचालन निदेशालय में अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिणी कमान के मुख्यालय में चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं। केवल यही नहीं बल्कि एलजी मनोज पांडे को सेना में शानदार सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक और थल सेना प्रमुख से प्रशस्ति पत्र आदि से सम्मानित किया जा चुका है।
30 साल से टॉयलेट में समोसे तलकर बेच रहा था ये रेस्टोरेंट, एक्सपायर थे पनीर-मीट
इंसानियत! प्यास से तड़पते बच्चे को महिला ने पिलाया पानी, तस्वीर देख पिघला लोगों का दिल
अगर अब भी बचे हैं कोरोना वायरस से तो आपके लिए है बहुत बुरी खबर