नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) वीके सक्सेना ने प्रदेश के सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर अपनी नाराजगी प्रकट की है। अपने खिलाफ इस्तेमाल किए जा रहे शब्दों को लेकर नाराजगी जाहिर करते हुए उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा है कि केजरीवाल और उनके मंत्री मर्यादा लांघ रहे हैं। 6 पन्नों के पत्र में LG ने कहा है कि मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी ना केवल मर्यादा की सीमाएं लांघ रहे हैं, बल्कि संवैधानिक कर्तव्यों और शासन की जिम्मेदारियों से भी पीछे भाग रहे हैं। वहीं, सीएम केजरीवाल ने LG के पत्र को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'आज एक और लव लेटर आया है।'
LG ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार को विज्ञापन के सहारे चलने वाली सरकार बताते हुए कहा है कि वह सरकार की कमियों को उजागर करते हैं तो उनके खिलाफ झूठे और निजी आरोप लगाए जाते हैं। एलजी ने अपने पत्र में लिखा है कि, 'विज्ञापनों और भाषणों के बल पर चल रही आपकी शासन व्यवस्था जनहित के मौलिक कार्यों से पूरी तरह विमुख होती नज़र आ रही है। अफसोस की बात यह है कि इन कमियों से अवगत कराते हुए जब मैंने इनके निवारण का आग्रह किया, तो आपने और आपके सहयोगियों ने उन विषयों पर जवाब न देकर न केवल लोगों को गुमराह किया, बल्कि आदतन तथ्यहीन और व्यक्तिगत आरोप लगाए।'
उपराज्यपाल सक्सेना ने कहा है कि जो भी मुद्दे उन्होंने उठाए हैं वे दिल्ली की आम जनता की भलाई और सुशासन से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के संवैधानिक अभिभावक के तौर पर यह उनका कर्तव्य है। LG ने यह भी याद दिलाया है कि संविधान और अदालतों की तरफ से समय-समय पर दिए गए फैसले उन्हें इसके लिए सशक्त और बाध्य बनाते हैं।
उपराज्यपाल ने पत्र में उन सभी मुद्दों का उल्लेख किया, जिनके चलते AAP नेताओं ने उन्हें निशाना बनाया। LG ने कहा कि सोची समझी नीति के तहत ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने लिखा है कि, 'आप (केजरीवाल) और आपके सहयोगी पहले बेबुनियाद और झूठे इल्जाम लगाते हैं, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए इन आरोपों को हवा देते हैं और फिर भाग खड़े होते हैं। जब तथ्य सामने आते हैं तो आप निर्लज्जता के साथ माफी मांग लेते हैं। हालांकि तब तक पब्लिक डोमेन में उस आरोपित व्यक्ति की अपूर्णीय क्षति और आपका सियासी लाभ हो चुका होता है।'
LG ने अपने पत्र में आगे लिखा कि, 'आपने पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल और पंजाब के पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ भी ऐसे ही अनर्गल आरोप लगाए और बाद में माफी मांगी। मेरे खिलाफ भी आपके सहयोगी ने मुद्दों से भटकाने के लिए बेहद आपत्तिनजक, मनगढ़त और बेबुनियाद इल्जाम लगा कर, मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए अविश्वास का वातावरण बनाने का कुत्सित प्रयास किया।'
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