लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के बीच दुबई के सिख कारोबारी और सरबत दा भला चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक डॉ. एसपी सिंह ओबराय एक बार फिर 75 लाख की ब्लड मनी चुकाकर दो पाकिस्तानियों समेत 14 भारतीय को मौत के फंदे से बचा लाए. इनमें 11 पंजाबी और एक हरियाणवी है. पाकिस्तानी युवक अपने वतन लौट चुके हैं जबकि नौ पंजाबी भारत आ चुके है. सभी इस समय मिलिट्री अस्पताल चेन्नई में 14 दिन के लिए क्वारंटीन हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि तीन अभी दुबई में फंसे हैं, क्योंकि भारत आने वाले जहाज में उन्हें सीट नहीं मिली. डॉ. एसपी सिंह ओबराय ने बताया कि 31 दिसंबर 2015 को शारजाह में हुए एक झगड़े के दौरान जालंधर के कस्बा सामराय के 23 वर्षीय आसिफ अली और कपूरथला के गांव पंडोरी के 25 वर्षीय वरिंदरपाल सिंह की मौत हो गई थी. इस केस में कुल 14 नौजवान दोषी पाए गए थे, जिनमें से 12 भारतीय और दो पाकिस्तानी थे. इन सभी नौजवानों को एक जनवरी 2016 को पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था.
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इस मामले को लेकर डॉ. ओबराय के अनुसार इन नौजवानों के परिवारों ने उनसे गुहार लगाई थी. इसके बाद उन्होंने मृतक वरिंदरपाल के दुबई में रहते करीबी रिश्तेदार निर्मल सिंह से मिलकर बातचीत की और बताया वह पीड़ित परिवारों को अपनी तरफ से ब्लड मनी देकर सजायाफ्ता नौजवानों को बचाना चाहते हैं. वह मई 2018 को निर्मल सिंह को साथ लेकर अदालत में पेश हुए. कोर्ट की तरफ से इजाजत मिलने के बाद उन्होंने नौ जुलाई 2018 को पीड़ित परिवारों को ब्लड मनी सौंपकर समझौते के कागज तैयार करवाए और 24 अक्तूबर को उन्होंने कोर्ट को समझौते के कागजात सौंप दिए.
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