मुख्यमंत्री जी खुद लिफ्ट में फंसे तो सभी 78 लिफ्टों की हो रही मरम्मत

मुख्यमंत्री जी खुद लिफ्ट में फंसे तो सभी 78 लिफ्टों की हो रही मरम्मत
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लखनऊ : 18 दिसंबर को उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ विधानसभा भवन की लिफ्ट में फंस गए थे। अब इसका कारण अधिकारियों ने ढुंढ निकाला है। दरअसल राज्य संपति विभाग द्वारा गठित कमेटी की एक रिपोर्ट आई है, जिसके अनुसार लिफ्ट का माइक्रो प्रोसेसर सिस्टम फेल हो गया था और लिफ्ट 2.5 मिमी खुली रह गई।

कमेटी की 4 सदस्यीय टीम ने बताया कि राहत पहुंचाने और उन्हें निकाले जाने में काफी समय लग गया। मुख्यमंत्री अपनी पत्नी संग लगभग 24 मिनट तक फंसे रहे। जब मुख्यमंत्री विधानभवन की लिफ्ट में फंसे थे तो उस समय वीआईपी के लिए संचालित इस लिफ्ट के सबसे ऊपर छत पर बने मशीन रूम में ताला लटका हुआ था। कर्मचारी सीताराम जब लिफ्ट को मैनुअल चलाने के लिए मुश्किल भरे रास्ते से 8 मिनट में ऊपर छत पर पहुंचा तो वहां उसे ताला लटका मिला। उसके बाद वो फिर नीचे गार्ड से चाबी लेने गया और फिर मशीन रुम में गया।

इसके बाद सीताराम ने उपर पहुंचकर लिफ्ट को मैनुअली नीचे उतारा। तब जाकर सीएम अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल बाहर आ पाए। हांलाकि तब तक अधिकारियोम ने एहतियातन एंबुलेंस भी बुला ली थी। कमेटी का कहना है कि इस गलती के लिए लिफ्ट कंपनी थायसन जिम्मेदार है, वो पहले ही मार्केट में ब्लैक लिस्ट हो चुकी है। अब यह तय किया गया है कि किसी भी वीवीआईपी के साथ एक लिफ्टमैन भी लिफ्ट में होगा जो कभी भी लिफ्ट फंसने पर उसे मैनुअली ऑपरेट कर बाहर निकल सके।

साथ ही सभी सरकारी भवनों और आवासीय भवनों में लगे 78 लिफ्ट्स का अपग्रेडेशन किया जाएगा। बुधवार से सभी लिफ्टमैन को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसमें राहत अभियान का प्रक्टिकल भी करवाया जाएगा। ओटिस कंपनी के इंजीनियर इसकी ट्रेनिंग देंगे।

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