‘मुस्लिम आक्रांताओं की तरह हिंदू-विरोधी-सरकारें भी लूट रही मंदिर’, मुक्ति के लिए आंदोलन करेगी VHP

‘मुस्लिम आक्रांताओं की तरह हिंदू-विरोधी-सरकारें भी लूट रही मंदिर’, मुक्ति के लिए आंदोलन करेगी VHP
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विशाखापत्तनम: आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी प्राप्त होने के बाद देश भर के मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग उठने लगी है। मंगलवार (24 सितंबर) को विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कहा कि जब अल्पसंख्यक अपने संस्थान एवं धार्मिक स्थलों का स्वयं प्रबंधन कर सकते हैं, तो हिंदू क्यों नहीं कर सकते। इसके लिए उसने आंदोलन करने की चेतावनी दी है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विहिप के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए विहिप राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाएगी। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकारें मंदिरों को हिंदू समाज को नहीं सौंपती हैं, तो संगठन कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगा। विहिप ने कहा कि मंदिरों का सरकारीकरण नहीं, बल्कि समाजीकरण होना चाहिए।

जैन ने आरोप लगाया कि देश के मंदिरों पर नियंत्रण हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भड़काने के साथ-साथ संविधान की आड़ में धोखाधड़ी है। उन्होंने कहा कि मंदिरों का अधिग्रहण करके सरकारें संविधान की धाराएं 12, 25 एवं 26 का उल्लंघन कर रही हैं। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने कई बार कहा है कि सरकारों को मंदिरों के संचालन तथा उनकी संपत्ति की व्यवस्था से अलग रहना चाहिए। उन्होंने विभिन्न सरकारों से पूछा कि स्वतंत्रता के 77 वर्ष पश्चात् भी हिंदुओं को उनके धार्मिक स्थलों का संचालन करने की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है। मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा मंदिरों को लूटने और अंग्रेजों द्वारा उन पर नियंत्रण करने की बात करते हुए सुरेंद्र जैन ने कहा कि सरकारें औपनिवेशिक व्यवस्था को बनाए रखकर मंदिरों को लूट रही हैं।

सुरेंद्र जैन ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में 400 से अधिक मंदिरों पर कब्जा करके वहां की हिंदू विरोधी सरकार उन्हें मनमाने ढंग से लूट रही है। उन्होंने कहा कि कई मंदिरों में विशाल चढ़ावे आने के बाद भी उन्हें घाटे में दिखाया जाता है, जिससे पूजा सामग्री आदि की उचित व्यवस्था नहीं हो पाती। इसके लिए उन्होंने राज्य सरकार की लूटने वाली प्रवृत्ति की निंदा की। राजस्थान की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की हरकतों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि उस वक़्त जयपुर के प्रसिद्ध गोविंद देवजी मंदिर से 9.82 करोड़ रुपए निकालकर ईदगाह को दिए गए थे। इसके अतिरिक्त, विहिप नेता ने आंध्र प्रदेश द्वारा स्थापित बोर्ड के माध्यम से संचालित तिरुपति मंदिर से राशि निकालकर धर्मांतरण करने वाली संस्थाओं को अनुदान देने का आरोप लगाया।

सुरेंद्र जैन ने कहा कि हिंदू मंदिरों की संपत्ति और उनकी आय का इस्तेमाल मंदिरों के विकास एवं हिंदुओं के धार्मिक कार्यों के लिए होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हिंदू आस्था की संपत्ति हिंदू कार्यों के लिए” उपयोग होनी चाहिए। उन्होंने तिरुपति मंदिर में मिलने वाले महाप्रसाद में जानवरों की चर्बी की बात को हिंदुओं की श्रद्धा एवं आस्था पर गंभीर चोट बताया। जैन ने कहा कि राज्य सरकारों को अपने नियंत्रण में लिए गए मंदिरों को तत्काल अपने अवैधानिक एवं अनैतिक नियंत्रण से मुक्त करना चाहिए। विहिप ने कहा कि एक व्यवस्था के तहत इन मंदिरों को साधु संतों के हवाले कर दिया जाना चाहिए। जैन ने बताया कि इस हेतु साधु-संतों ने एक प्रारूप बनाया है, जिसका उपयोग कई जगहों पर किया जा रहा है। इन मंदिरों में भी यही प्रारूप अपनाया जाना चाहिए।

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