भारत में जहां एक ओर शैरों की लगातार मौतें हो रही हैं तो वहीं अब सरकार इनके प्रति चिंतित नजर आने लगी है। भारत में प्रमुख रूप से गुजरात में पाए जाने वाले शैरों की संख्या लगातार ही घटती जा रही है। अभी हाल में ही गुजरात में स्थित गिर के जंगलों में कई शेरों की मौत का आंकलन किया गया था और अब वर्तमान में गुजरात के ही अमरेली जिले में गिर के जंगलों में फिर एक बार सात शेरों की मौत होने की खबर आई है।
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यहां बता दें कि गुजरात में पाए जाने वाले शेरों की संख्या देश में सर्वाधिक है। वहीं मुख्य रूप से गुजरात के अमरेली जिले में स्थित गिर के जंगलों में दलखनिया रेंज में घायल हुए शेरों को बचाकर जसधर के पशु देखभाल केंद्र में उपचार के लिए भेजा गया जहां उनकी इलाज के दौरान ही मौत हो गई।
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गौरतलब है कि गुजरात के गिर में हुई इस तरह से शैरों की मौत से वन विभाग भी चिंतित हो गया है। जानकारी के अनुसार गिर में सितंबर माह में हुई करीब 12 शेरों की मौतों के बाद अब सात शेर और मरे हैं जिससे अब तक कुल 21 शेरों की मौत हो चुकी है। वहीं इस बात पर भारत सरकार का कहना है कि इस तरह शेरों की होने वाली मौत का कारण संक्रमण या बीमारी है। जिससे लगातार ही शेरों की मौत हो रही है। वहीं बताया जा रहा है कि कुत्तोें में पाए जाने वाले वायरस कैनाइन डिस्टेंपर से इन शेरों की मौत हुई है। यहां बता दें कि ये वायरस एक जानलेवा वायरस होता है जो मुख्य रूप से कुत्तों में पाया जाता है और यदि जंगली जानवर इसके संपर्क में आते हैं तो उनकी मौत हो जाती है।
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