नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। दरअसल, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सिसोदिया को जमानत देने से साफ इनकार कर दिया है। शराब घोटाले में बौह्चर्चित मामले को लेकर CBI की तरफ से दर्ज मामले में सिसोदिया द्वारा दाखिल याचिका को ठुकरा दिया है। अदालत ने सिसोदिया की अपील ख़ारिज करते हुए सबूतों पर चिंता प्रकट की है।
रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया द्वारा जेल से बाहर जाने के बाद गवाहों और सबूतों को प्रभावित किए जाने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। उच्च न्यायालय से झटका लगने के बाद AAP नेता ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। बता दें कि, सिसोदिया शराब घोटाले में फरवरी 2023 से ही जेल में बंद हैं। अब उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए न्यायमूर्ति दीनेश शर्मा ने कहा कि वह प्रभावशाली स्थिति में हैं और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं, क्योंकि इस मामले में अधिकतर गवाह सरकारी नौकरी वाले ही हैं। जस्टिस शर्मा ने यह भी कहा कि आरोपों की प्रकृति बेहद गंभीर है, इसलिए उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
बता दें कि, 2020-21 में केजरीवाल सरकार द्वारा बनाई गई आबकारी नीति में शराब कारोबारियों को अनुचित फायदा पहुंचाकर बदले में उनसे रिश्वत लेने का आरोप लगने के बाद CBI और ED ने इस मामले की छानबीन शुरू की थी। CBI ने इसी वर्ष 26 फरवरी को लंबी पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया था। इसके बाद 9 मार्च को ED ने उन्हें अपनी गिरफ्त में ले लिया था। इसके बाद से ही सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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