रांची: दिल्ली में शराब घोटाला मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जेल में हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल से पूछताछ हो रही है। जहां, भाजपा दिल्ली की आप सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है वहीं सीएम केजरीवाल बोलते हैं कि यह विपक्ष की आवाज दबाने का केंद्र सरकार का षड्यंत्र है। दिल्ली के पश्चात् अब झारखंड में भी शराब घोटाले का जिन्न निकल आया है। झारखंड भाजपा ने सीएम हेमंत सोरेन पर शराब घोटाले में संलिप्त होने का आरोप लगाया है।
बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता एवं सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से गंभीर आरोप लगाए हैं। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए ही छत्तीसगढ़ की शराब नीति झारखंड में लागू की गई तथा वहीं की कंपनियों को ठेका दिया गया। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 4 कंपनियों को गलत तरीके से काम मिला। सरकार ने आरम्भ में दावा किया कि 2300 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति का दावा किया मगर पता चला कि बड़ा नुकसान होने वाला है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मैंने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए सीएम को पत्र लिखा मगर उन्होंने प्रतिक्रिया दी और जब छत्तीसगढ़ में ईडी ने छापा मारा।
मामला झारखंड से भी जुड़ा तो आनन-फानन में उत्पाद सचिव एवं आयुक्त को नोटिस जारी किया तथा 450 करोड़ रुपये की रिकवरी करने को कहा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि शराब घोटाले में सम्मिलित अफसरों पर कार्रवाई ना कर उन्हें नोटिस जारी करना बताता है कि सरकार ने अपनी चमड़ी बचाने के लिए पूरा चक्रव्यूह रचा। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ऐसा कोई सेक्टर नहीं है जिसमें हेमंत सोरेन कार्यकाल में भ्रष्टाचार ना हुआ हो। यह शर्मनाक है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हमने 18-19 अप्रैल को सीएम को पत्र लिखा। आगाह किया कि अफसरों एवं बिचौलियों की सहायता से कंपनियों को मनचाहा फायदा पहुंचाया गया। नियम विरुद्ध जाकर रि-टेंडर कराया। लेकिन, सीएम ने कार्रवाई नहीं की। बाबूलाल मरांडी ने दावा किया है कि शराब नीति के लिए नियुक्ति छत्तीसगढ़ की परामर्शी कमेटी, सिंडिकेट और अफसरों ने मिलकर प्रदेश सरकार को 450 करोड़ रुपये का चूना लगाया है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर सीएम अभी भी नहीं चेते तो भ्रष्ट अफसर उन्हें कहीं का नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार भले ही मुझे नेता ना मानती हो मगर मेरी पार्टी ने मुझे विधायक दल के नेता चुना है। नेता प्रतिपक्ष नामित किया है। मैं प्रदेश का सीएम रह चुका हूं इसलिए अंदाजा है कि कहां-कहां गड़बड़ी की जा सकती है।