भारत के राज्य हरियाणा में शराब घोटाले को लेकर एसईटी (स्पेशल इन्क्वायरी टीम) को पावर दिए जाने का मामला कानूनी जद्दोजहद में उलझ गया है. इस मामले को लेकर गृह मंत्री अनिल विज ने होम सेक्रेट्री को जो पत्र लिखा था. वह मामला अब एलआर के पास पहुंच गया है. यह मंथन किया जा रहा है कि सेक्शन-32 के तहत पूछताछ की पावर एसईटी को किस तरह से दी जाए. गृहमंत्री चाह रहे हैं कि इस मामले में एसईटी को सीआरपीसी के तहत पूछताछ की पावर मिले. मसलन वह भूपेंद्र और अन्य आरोपियों से पूछताछ कर सके.
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इस परिस्थिति के बीच गृहमंत्री अनिल विज ने एसईटी की शक्तियां बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था. इस कवायद में समय धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है. एसईटी से 31 मई से पहले सरकार ने रिपोर्ट मांगी है. 31 मई को ही एडीजीपी सुभाष यादव की रिटायरमेंट हैं. सूत्रों के मुताबिक लगातार हो रही देरी के बाद अब एसईटी का समय बढ़ना तय हो गया है, क्योंकि अभी तक एसईटी अपनी जांच में कुछ खास नहीं कर पाई है. समय कम होने के कारण 31 मई तक मामले में जांच पूरी होना संभव नहीं है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यदि एसईटी की समय सीमा बढ़ती है तो एडीजीपी सुभाष यादव को तीन माह की एक्सटेंशन मिलना भी स्वाभाविक है. मालूम हो इस मामले में सरकार ने पहले एसईटी का गठन किया. जिसके टर्म एंड कंडीशन में यह लिखा था कि एसईटी शराब के गोदामों का रिकार्ड मैच करेगी. इसके अलावा एसईटी यह देखेगी कि लाक डाउन के दौरान शराब के सील गोदामों ओर पुलिस के मालखानों में जो शराब मौजूद थी वह उतनी ही है या फिर कम. एसईटी ने अभी अपनी जांच शुरू ही की थी कि इस मामले में अनिल विज ने एसईटी की पावर बढ़ाने को लेकर पत्र लिख दिया.
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