लॉकडाउन के चलते शराब की दुकानें बंद थी. लेकिन, लॉकडाउन 3 में ही देश के ज्यादातार राज्यों में शराब की दुकानें खुल गई थीं. हालांकि, मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच ठन गई है. ठेकेदारों ने सरकारी आदेश के बावजूद दुकान खोलने से मना कर दिया है. ठेकेदार ऐसे तो कोरोना के खौफ के कारण ऐसा नहीं कर रहे हैं, लेकिन असली मुद्दा लाइसेंस फीस को लेकर है. जिस पर सरकार के साथ अभी तक बात नहीं बन पाई है.
इस विषय पर शराब ठेकेदारों के एसोसिएशन ने कहा है कि कोरोना संक्रमण में जनता और स्टॉफ की सुरक्षा को लेकर यह निर्णय लिया गया है. इंदौर में छूट मिलने के बाद भी ग्रामीण इलाकों में शराब की दुकान अभी बंद है. शराब दुकान के मालिक महेंद्रा नामदेव ने कहा है कि इंदौर में कोरोना की वजह से वुहान जैसे हालात हैं. इस परिस्थिति में हमलोग शराब की दुकानें नहीं खोल सकते हैं.
जानकारी के लिए बता दें की कोरोना से ज्यादा शराब कारोबारी लाइसेंस फीस को लेकर अड़े हुए हैं. बुधवार को भी इसे लेकर व्यापारियों ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की थी. लेकिन कोई बात नहीं बन पाई. बता दें की शराब करोबारी चाहते हैं कि सरकार लाइसेंस की फीस कम करे. मामला हाईकोर्ट में भी है, व्यापारियों का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बाद ही हम दुकान खोलने पर फैसला करेंगे. ये भी बताया जा रहा है कि सरकार अब शराब कारोबारियों के खिलाफ सख्त एक्शन ले सकती है.
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