कुछ ऐसी अंधविश्वासी प्रथाएं है जिनके पीछे नहीं है कोई सच्चाई

कुछ ऐसी अंधविश्वासी प्रथाएं है जिनके पीछे नहीं है कोई सच्चाई
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इस दुनिया बहुत से अंधविश्वासी लोग है. साथ ही अंध्विश्वास कर लोग अजीबोगरीब प्रथाओं को निभाते चले जाते है. हम बचपन से ही ऐसी प्रथाओं को अपनाते है जिनके पीछे कोई सच्चाई नहीं होती है लेकिन फिर भी हमें उसे निभाना पड़ता है.आज हम आपको घरो में होने वाले कुछ ऐसे ही टोटके और अन्धविश्वास के बारे में बता रहे है जिसके पीछे ना तो कोई सच्चाई होती है और ना ही कोई कारण.

- आप सभी ने भी घरो, दुकान और गाड़ियों पर धागे में लटकी हुई नीबू-मिर्ची या काले रंग की गुड़िया टंगी हुई देखी होगी. ये इसलिए टांगते है ताकि किसी की बुरी नजर ना लगे.

- मंगलवार के दिन बाल कटवाने से भी मना किया जाता है. घर के बड़े बुजुर्ग मंगलवार को बाल कटवाने के लिए सख्त मना कर देते है. इसलिए ज्यादातर नाइ भी मंगलवार को अवकाश रखते है.

- घर में छाता खोलने पर भी मना किया जाता है. बड़े-बुजुर्ग कहते है कि घर में छाता खोलने से आस-पास के सामन को नुकसान पहुँचता है.

- सूरज डूबने के बाद बाल काटना, नाख़ून काटना या जाड़ू लगाना भी गलत माना जाता है.

- टूटे हुए शीशे में मुँह देखना मना होता है. कहते है टूटे हुए शीशे में मुँह देखने से किस्मत भी फुट जाती है.

 

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