भारत में शुरू हुई कोरोना वैक्सीन देने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्टिंग

भारत में शुरू हुई कोरोना वैक्सीन देने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्टिंग
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देश-दुनिया में कोविड वैक्सीन की स्टोरेज और सप्लाई नेटवर्क पर भी तेजी से कार्य शुरू कर दिया गया है। भारत में केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्यों ने व्यापक तैयारियां जारी की है और उन स्वास्थ्यकर्मियों की लिस्टिंग भी होने लगी है जिन्हें सबसे पहले कोविड का टीका लगाया जाना है, वो भी बिल्कुल फ्री।  जिसके लिए एक ऐप तैयार कर रहे है। वहीं एक्सपर्ट्स स्टोरेज और सप्लाई के केस में भारत की सीमाओं और परेशानियों को भी इंगित करने वाले है। 

भारत में वैक्सीन ​स्टोरेज की क्या व्यवस्था: मिली जानकारी के अनुसार भारत में कोविड वैक्सीन के स्टोरेजी की व्यापक तैयारियां हो रही हैं। केंद्र गवर्नमेंट के निर्देश पर सभी राज्य उचित तादाद में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था की जा रही है। जिसमे  केद्र सरकार भी राज्यों की सहायता कर रहे है। महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि केंद्र ने चलते-फिरते रेफ्रिजरेटर, कूलर और बर्फ वाले बड़े-छोटे रेफ्रिजरेटर के साथ-साथ स्टोरेज कपैसिटी बढ़ाने के लिए 150 डीप फ्रीजर की व्यवस्था करने में सहायता की जा रही है। जंहा इस बात का पता चला है कि जिलों में मौजूदा भंडारण व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे है। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ वाले रेफ्रिजरेटर तैयार किए जा रहे हैं, सथ ही मैंटनेंस का कार्य किए जा रहे है।

​कितनी ठंड में होगा वैक्सीन का भंडारण: फाइजर ने कहा कि "कोविड-19 वैक्सीन को -75°C±15°C में स्टोर करने की जरूरत होगी। कंपनी के प्रवक्ता ने मीडिया , 'इसका मतलब है कि करोड़ों डोज को -90°C to -60°C के करीब तापमान में स्टोर करने के लिए फ्रीजर कपैसिटी बढ़ानी होगी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए दुनिया के किसी भी देश के पास तैयारी नहीं है।' एक्पर्ट्स का कहना है कि कोरोना वैक्सीन महंगे होंगे और उनकी स्टोरेज और डिलिवरी की व्यवस्था एक बड़ी चुनौती होगी।

वहीँ अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा- भारत में मौजूदा कोल्ड स्टोरेज की सामान्य क्षमता 4 से 5 करोड़ वैक्सीन डोज की है। दरअसल भारत ने अपने यहां पोलियो वैक्सीन के भंडारण के लिए कोल्ड चेन तैयार कर चुके है। पोलियो वैक्सीन के भंडारण के लिए -20°C तापमान की आवश्यकता होती है और 2°C से 8°C तापमान में जिसका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाने वाला है। एक्सपर्ट्स भारत में बिजली की परेशानी की ओर भी इशारा कर रहे हैं। उनका कहना है कि सिर्फ रेफ्रिजेशन कपैसिटी बढ़ाने से कार्य नहीं चलेगा, इसके लिए बड़ी मात्रा में बिजली की भी आवश्यकता होगी। हालांकि एक अनुमान यह भी है कि भारत में वैक्सीन की ढुलाई और उसे मैंटनेंस के लिए लॉजिस्टिक कपैबिलिटी और सूखे बर्फ की आपूर्ति जैसी समस्या नहीं आनी चाहिए।

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