इस भागती दौड़ती दुनिया में हर किसी का सपना होता है कि उसका एक घर हो. लेकिन घर खरीदने के लिए कई बार पूरे पैसे नहीं होते जिससे होम लोन की ओर शिफ्ट होना पड़ता है. होम लोन से टैक्स बचाने में भी मदद मिलती है. हालांकि, कई दफा होम लोन लेने के बाद इसके ईएमआई को चुकाना मुश्किल हो जाता है. खासकर ऐसे हालात में जब आपकी नियमित आय कभी-कभी डंवाडोल हो जाती है. होम लोन लेने वाले अपने होम लोन ईएमआई बोझ को कम करने के लिए कई ऑप्शनल ट्रिक का इस्तेमाल कर सकते हैं. होम लोन के मूलधन के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत लाभ मिलता है. वहीं, ब्याज के भुगतान पर आपको धारा 24बी का लाभ मिलता है. अगर आप भी होम लोन पेमेंट को लेकर परेशान हो रहे हैं तो हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनसे आपका होम लोन EMI का बोझ कम होगा.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि वेतन पाने वाले कर्मचारियों को साल में सैलरी में एक बार बढ़ोतरी होती है. इसलिए अपनी EMI राशि को धीरे-धीरे बढ़ाएं. अगर आप हर साल अपनी ईएमआई राशि बढ़ाते हैं तो लोन पीरियड में कमी आएगी, जिससे आपको कुल बकाया लोन राशि चुकाने में मदद मिलेगी. कमाई में इजाफा होता है तो आप उसके अनुपात में अपनी ईएमआई बढ़ा सकते हैं.
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इसके अलावा होम लोन पर ब्याज दर कम करने के लिए होम लोन अकाउंट के साथ होम लोन ओवरड्राफ्ट सुविधा को चुना जा सकता है. इस सुविधा के जरिये आप अपनी ईएमआई (EMI) के अलावा भी अपने होम लोन अकाउंट में अतिरिक्त पैसे जमा करवा सकते हैं. खाते में अतिरिक्त रकम रखने से आपके ब्याज के पैसे और लोन की टेन्योर कम हो जाएगी. जरूरत पड़ने पर अकाउंट से अतिरिक्त राशि को निकाला जा सकता है. हालांकि, एक बात यह कि होम लोन अकाउंट से पैसा निकालने पर लोन पर ब्याज राशि बढ़ जाएगी.
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