दुनियाभर की ऑनलाइन शॉपिंग साइट पर अक्सर No Cost EMI लिखा दिख जाता है. क्या आपको इसका मतलब पता है? No Cost EMIके साथ कंपनियां डिस्काउंट और आकर्षक ऑफर देती हैं. क्या आपको कोई सामान No Cost EMI देखकर खरीद लेना चाहिए, क्या आप इससे फायदे में रहेंगे. हम इस खबर में बता रहे हैं कि No Cost EMIक्या होती है, और यह कैसे काम करती है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सुनने में No Cost EMI का मतलब ऐसा जान पड़ता है कि आपको लोन पर कोई ब्याज नहीं देना. लेकिन असल में आपका बैंक दिये गये डिस्काउंट को ब्याज के रूप में वापस ले लेता है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वर्ष 2013 में बैंकों को फुटकर उत्पाद पर जीरो फीसद EMI स्कीम पेश करने से मना कर दिया था. फिर बैंकों ने इसका दूसरा विकल्प निकाला.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि No Cost EMIको तीन भागों में बांटा गया है- रिटेलर, बैंक और कंज्यूमर. आपने अक्सर देखा होगा कुछ बैंक क्रेडिट कार्ड पर No Cost EMIका ऑप्शन देते हैं. हालांकि, इस डील को पाने के लिए आपके पास उस बैंक का क्रेडिट कार्ड होना चाहिए. इसके अलावा आप नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी से ईएमआई कार्ड ले सकते हैं. रिटेलर्स उन प्रोडक्ट्स पर No Cost EMIका विकल्प देता जो उसे जल्दी बेचने होते हैं. कुछ ईएमआई कार्ड के लिए फीस चुकानी होती है. No Cost EMIकी स्थिति में रिटेलर्स कंज्यूमर को ब्याज जितनी राशि का डिस्काउंट दे देता है.
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