आप सभी को बता दें कि हिन्दु धर्म में ऐसा कहते हैं कि जिस घर में पूजा पाठ होता है उस घर में कभी नकारात्मक शक्ति का वास नहीं होता. इसी के साथ ऐसा भी कहते हैं कि ऐसे घरों में भूत प्रेत का साया नही पड़ता और कभी कोई नकरात्मक शक्तियां नहीं आती हैं.कहते हैं इसी के साथ ही सनातन धर्म में धूनी लगाने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है और घर में धूनी जलाने का धार्मिक कारण है. इसी के साथ इसके पीछे वैज्ञानिक कारण यह माना गया है कि धूनी का धूआं वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है और धूनी चलाने से वातावरण से सारी हानिकारक जीवों का अंत करता है, इसके साथ ही वातावरण पवित्र होता है. आप सभी को बता दें कि प्राचीन समय में घर और मंदिर में धूनी जलाने की परंपरा रही है और धूनी से निकलने वाला धुआ ही घर के वातावरण को सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है. कहते हैं ऐसा करने से सकारात्मकता को बढावा मिलने लगता है और धूनी के धुएं से परिवार में कलेश, दुख व रोग का भी अंत होता है. अब आज हम आपको बताएंगे इससे जुडी कुछ ख़ास बातें.
1. जी दरअसल शास्त्रों में माना जाता है घर में सुबह के समय लोबान, गुग्गल, कपूर, देसी घी और चंदन जलाने के लिए गाय के कंडे की राख में धूनी जलाते है जिससे देवी-देवता की कृपा हमेशा घर में आने लगती है.
2. कहा जाता है घर में रात के समय घी में कपूर डाल के जलाने से घर में नकारात्मकता फैलना शुरू हो जाती है.
3. ज्योतिषों के अनुसार गृह कलेश को दूर करने के लिए घर के मंदिर में घी का दीपक जला कर कपूर और अष्टगंध की सुगंध को पूरे घर में फैलाने से घर में सकारात्मकता आने लगती है.
3. कहते हैं घर के मंदिर में सुबह शाम कपूर जलाने से आर्थिक परेशानी खत्म हो जाती है.
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