कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए इतने प्रयास करने के बाद लॉकडाउन-4 देश के लिए सबसे महंगा साबित हुआ है. ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के इस चरण के दौरान जितने मामले सामने आए लगभग उतने मामले पहले के तीनों चरणों को मिलाकर सामने आए थे. वर्ल्डओमीटरडॉटइंफो के आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन-4 के इस चरण में 21 मई तक देश में कोरोना संक्रमण के कुल 93904 मामले सामने आए. आपको यहां पर ये भी बता दें कि लॉकडाउन-4 से पहले भारत कोरोना संक्रमित देशों की सूची में 12वें नंबर पर था. लेकिन लॉकडाउन-4 के शुरुआती दिनों में ही जिस तेजी से मामले बढ़े उसके बाद ये 10वें फिर 9वें, 8वें और अब 7वें नंबर पर पहुंच गया है.
क्या कोरोना संकट का फायदा उठाकर भारत से युद्ध करना चाहता है चीन ?
आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारत में कोरोना का पहला मामला केरल में 30 जनवरी को सामने आया था. वुहान विश्वविद्यालय से भारत लौटा मेडिकल का एक छात्र संक्रमित पाया गया था. लेकिन चार महीने के अंदर भारत इस वैश्विक महामारी से सबसे अधिक प्रभावित 7वां देश बन गया. दुनिया के कोरोना प्रभावित टॉप-10 देशों की बात करें तो पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर ब्राजील, तीसरे पर रूस, चौथे पर स्पेन, पांचवें पर ब्रिटेन, छठे पर इटली, सातवें पर भारत, आठवें पर फ्रांस, नौवें पर जर्मनी और दसवें नंबर पर पूरू शामिल है.
30 दिनों तक राज्यों के हाथ में होगी लॉकडाउन 5 की चाबी, आज से शुरू होंगे नए नियम
वायरस को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 31 मई की आधी रात को खत्म हो रहे चौथे चरण के लॉकडाउन के दौरान मिले कोरोना के मामले कुल मामलों का 47.20% हैं. गौरतलब है कि भारत में लॉकडाउन का पहला चरण 25 मार्च को लागू हुआ था जो 21 दिनों का था. इस दौरान 10,877 मामले आए थे, जबकि दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल को शुरू हुआ और तीन मई तक 19 दिनों तक रहा जिसमें 31,094 मामले आए थे. 14 दिनों का तीसरा लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हुआ और 18 मई को सुबह आठ बजे तक 53,636 मामले सामने आए. देश में 24 मार्च तक कोविड-19 के 512 मामले सामने आए थे.
भूपेश बघेल कैबिनेट में देखने को मिल सकते है फेरबदल, बाहर हो सकते है मंत्री
पाक उच्चायोग की मुश्किलें बढ़ी, दो अफसरों पर लगे जासूसी के आरोप
नक्सली और आतंकवादियों से लगातार लोहा ले रही CRPF, जल्द मिलेगा सुरक्षाकवच