लॉकडाउन के मद्देनजर देशभर में लोग अपने घरों में बंद हैं. सरकार ने यह कदम कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए उठाया है. दूसरी ओर इस विषम परिस्थिति में भी सरहद की हिफाजत में हमारे जवान दिन- रात डटे हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा की रखवाली में जुटे जवानों के लिए कोई लॉकडाउन नहीं है. बंगाल में भारत -बांग्लादेश सीमा की बात करें तो यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पूरी तरह मुस्तैद व अलर्ट हैं.
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इस मामले को लेकर बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर फ्रंटियर के डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि बॉर्डर के ऊपर पहले की तरह हमारी पूरी कार्रवाई चल रही है. ऑपरेशनल ड्यूटी में कोई कमी नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए होने वाली किसी भी तरह की राष्ट्र विरोधी वह अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए हमारे जवान चौबीसों घंटे मुस्तैद हैं. ग्राउंड पर हर जगह निगरानी की जा रही है है. उन्होंने बताया कि बॉर्डर पर ड्यूटी कर रहे जवानों की सुरक्षा के लिए भी सभी प्रकार के उपाय किए गए हैं. कोरोना से बचने के लिए जवान मास्क से लेकर सैनिटाइजर आदि का इस्तेमाल कर रहे हैं. बार-बार हाथ भी धो रहे हैं.
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अपने बयान में आगे गुलेरिया ने बताया कि कोरोना के प्रकोप व लॉकडॉउन के चलते हमारे फ्रंटियर के अंतर्गत चारों आइसीपी (चेक पोस्ट) - पेट्रापोल, गेदे, गोजाडांगा व मवादीपुर अभी पूरी तरह बंद है. इसके कारण यहां से होकर लोगों के आने-जाने का सिलसिला बंद हो चुका है. उन्होंने बताया कि हालांकि जो बांग्लादेशी नागरिक भारत से उस तरफ जाना चाहते हैं वह अभी भी जा रहे हैं. वहीं, बांग्लादेश की तरफ से डिप्लोमेट्स या जरूरी सेवाओं से जुड़े इक्का-दुक्का लोगों का ही मूवमेंट है. वह भी विशेष परमिशन से आ रहे हैं. इन आइसीपी पर डॉक्टरों की टीम पूरी तरह स्क्रीनिंग करती है. हालांकि उन्होंने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों में भारत से बांग्लादेश की ओर जाने वाले बांग्लादेशियों की संख्या में काफी कमी आई है.
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