लखनऊ: देश भर में इस समय चुनावी माहौल है, इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियां पूरा दमखम लगा रही है. इसी के चलते केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 की विजय को दोहराने के लिए विशेष रणनीति बनाई है. इसके लिए आज बुधवार को उत्तर प्रदेश में बीजेपी के शीर्ष नेता, बीजेपी का सहयोगी दल आरएसएस और योगी कैबिनेट के मंत्री आपस में सलाह करके 2019 के चुनावों पर अपनी राय रखेंगे, साथ ही लोक सभा चुनाव के लिए बीजेपी और आरएसएस की जिम्मेदारियां भी तय की जाएंगी.
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लखनऊ में होने वाली इस बैठक में योगी कैबिनेट में बदलाव करने के फैसले भी लिए जा सकते हैं, साथ ही विपक्षी दलों के महागठबंधन से निपटने की रणनीति, अयोध्या राम मंदिर,एससी/एसटी एक्ट पर सवर्णों की नाराज़गी, जैसे मुद्दों पर अहम् फैसले लिए जा सकते हैं, हालाँकि इस बैठक का केंद्र बिंदु लोकसभा चुनाव ही रहेगा. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ दिनेश शर्मा और आरएसएस के 6 प्रांतों के पदाधिकारी शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि यह महत्वपूर्ण बैठक 9 घंटों तक चलने वाली है.
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आपको बता दें कि फूलपुर-कैराना उपचुनाव में मिली हार के बाद से भाजपा और अधिक सतर्क हो गई है, वो यूपी में कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती है. क्योंकि बीजेपी ये अच्छी तरह से जानती है कि केंद्र की सत्ता पाने के लिए उत्तर प्रदेश पर वर्चस्व जमाना सबसे ज्यादा जरुरी है. केंद्र में सत्ता बनाने के लिए जितनी सीटें चाहिए होती हैं, उसकी एक तिहाई सीटें उत्तर प्रदेश में है. 2014 में भी भाजपा ने यूपी की 80 सीटों में से 73 जीतकर 282 का बहुमत प्राप्त किया था.
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