नई दिल्लीः संसद के निचले सदन यानि लोकसभा ने भारतीय विमानपत्तन आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (ऐरा), संशोधन बिल को पारित कर दिया है। लोकसभा में विधेयक को पेश करते हुए विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों, जिनका निजीकरण पहली यूपीए सरकार के दौरान किया गया था वह यातायात का 34 प्रतिशत हिस्सा है।
जबकि छह हवाई अड्डे, जिनका निजीकरण मोदी सरकार के तहत किया गया है वह 6 प्रतिशत यातायात के लिए हैं। इसके बाद उन्होंने कहा कि इंडिगो का संचालन दिसंबर से शुरू हो जाएगा, जो कि आगरा, वाराणसी, भोपाल, लखनऊ और बंगलूरू को जोड़ेगा। इस बिल के अनुसार ऐरा को पूर्व निर्धारित दरों पर नए हवाई अड्डों की बोली लगाने की इजाजत दी गई है।
अभी सालाना 15 लाख यात्री क्षमता वाले बड़े एयरपोर्ट ऐरा के दायरे में आते हैं। नये संशोधित विधेयक के अनुसार अब 35 लाख यात्री क्षमता वाले हवाई अड्डे बड़े एयरपोर्ट कहलाएंगे। इस दौरान नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सरकार एयर इंडिया के निजीकरण के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि इसका कर्ज पूरी तरह से अस्थिर हो गया है।
बिल पर बहस में भाग लेते हुए भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने शुक्रवार को बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में जेट एयरवेज जैसे बड़े खिलाड़ियों के विरोध के बावजूद पहले लो-कॉस्ट कैरियर एयर डेक्कन ने परिचालन शुरू किया। गौरतलब है कि इस विधेयक को राज्यसभा ने पहले ही पास कर दिया था। शुक्रवार को लोकसभा ने भी इसे मंजूरी दे दी।
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