जबलपुर/ब्यूरो। एसडीएम कार्यालय के बाबू इंद्रजीत सिंह धुरिया को लोकायुक्त की टीम ने पांच हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। पुलिस ने बताया कि तिलवाराघाट निवासी 30 वर्षीय विकास कुमार दुबे ने लोकायुक्त एसपी संजय साहू से शिकायत की थी। जिसमें उसने बताया था कि उसके पिता कृष्णकुमार दुबे के नाम ग्राम धाना में खसरा नंबर 44/2 जिसमें 4 दुकानें पक्की बनी है। लोकायुक्त की टीम ने यह कार्रवाई तहसील कार्यालय में की है। कार्रवाई के बाद पूरे कार्यालय में हड़कंप मच गया।
लोकायुक्त एसपी ने डीएसपी दिलीप झरवड़े को टीम के साथ आरोपित को रंगे हाथ दबोचने के निर्देश दिए। जिसके बाद गुरुवार को योजनाबद्ध तरीके से लोकायुक्त डीएसपी दिलीप झरवड़े, निरीक्षक स्वप्निल दास, रंजीत सिंह की टीम एसडीएम कार्यालय पहुंची। जहां जैसे ही विकास ने रिश्वत की रकम बाबू इंद्रजीत सिंह धुरिया को दी, वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने से रंगे हाथ दबोच लिया।
प्लाट की मुआवजा राशि भुगतान नहीं किया गया था। मुआवजा राशि एक लाख 94 हजार रुपये स्वीकृत हुई थी। इसी स्वीकृत मुआवजा राशि को निकालने के एवज में तहसील कार्यालय जबलपुर के एसडीएम ग्रामीण पीके सेनगुप्ता के कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड 2 बाबू इंद्रजीत सिंह धुरिया पांच हजार रुपये की मांग कर रहा है।
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