पटना : लोकसभा चुनावों के पहले ही बिहार में महागठबंधन में शामिल छोटे-बड़े दल सभी सीटों को लेकर अपना अपना दावा ठोकने में लगे हुए हैं। ऐसी स्थिति में उन सभी दलों के बीच सीटों का बंटवारा और उन पर संतुलन बनाना पार्टी के नेताओं के लिए बड़ी चुनौती होती जा रही है। राष्ट्रीय जनता दल की ओर से प्रस्तुत किये गए शुरुआती समीकरण के अंतर्गत वह बिहार की 40 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और शरद यादव ने भी कम से कम दो-तीन सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रहे है. वहीं लेफ्ट पार्टियों ने भी अपने पारंपरिक इलाकों में सीट मांग की हैं.
इन सब को देखते हुए फिर से कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल ने नए तरीके से सीटों पर बहस करने के लिए कह रही है.वहीं दूसरी तरफ पटना में भी आगामी लोकसभा चुनावों से पहले ही अब यूपीए में भी सीटों की खींचतान शुरू हो गई है। वैसे महाठबंधन के नेताओं की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि सीटों को लेकर अभी बातचीत चल रही है. और हो सकता है अगले महीने जनवरी में इसका औपचारिक ऐलान भी हो जाए।
खबरों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल पार्टी की तरफ से पेश की गई प्रारंभिक रणनीति के अनुसार वह राज्य की कुल 40 में से 20 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और अन्य शेष 20 सीटों पर कांग्रेस पार्टी और बाकी के दल चुनाव लड़ेंगे.लेकिन अब समस्या यह हो रही है कि कांग्रेस के अलावा वो छोटी-बड़ी पार्टियां कौन सी होगी जिन्हे कुछ सीटें देनी है।अब देखना ये दिलचस्प होगा की महागठबन्धनों के बीच चल रही सीटों को लेकर ये खींचतान आखिर बिहार में कब ख़त्म होगी?
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