नई दिल्ली: संसदीय समितियों की बैठकों में हो रहे विचार-विमर्श के मीडिया में आने को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सभी संसदीय समितियों के अध्यक्षों को पत्र लिखा है. ओम बिड़ला ने अपने पत्र में स्पीकर के निर्देश 55 का जिक्र किया है, इसके अंतर्गत संसदीय समितियों की कार्यवाही गोपनीय रहनी चाहिए.
ओम बिड़ला ने कहा है कि सदस्यों को समिति की कार्यवाही के संबंध में मीडिया को नहीं बताना चाहिए. जब तक कि समिति की रिपोर्ट संसद में पेश नहीं हो जाती है. उन्होंने समितियों के अध्यक्षों को सलाह भी दी है कि समिति में चर्चा के लिए रखे जाने वाले विषयों के चयन के वक़्त, नियम 270 का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसके तहत किसी भी शख्स, दस्तावेज अथवा रिकॉर्ड को समन करने से पहले लोकसभा अध्यक्ष की सलाह लेनी चाहिए. उस विषय पर स्पीकर का फैसला ही मान्य है.
ओम बिड़ला ने कहा कि परंपरा के मुताबिक समिति ऐसे विषयों को नहीं लेती जो अदालतों में विचाराधीन हैं. भविष्य में समितियों की बैठकों में इनका ध्यान रखा जाना चाहिए. लोकसभा अध्यक्ष ने सभी समितियों के अध्यक्षों को पत्र में यें भी लिखा है कि संसदीय समितियों में तमाम सदस्यों को दलगत सियासत से ऊपर उठकर, देश हित में काम करना चाहिए.
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