लंदन: लंदन उच्च न्यायालय ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भारी राहत देते हुए फिलहाल दिवालिया घोषित करने की मांग को ख़ारिज कर दिया है. दरअसल SBI के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह ने लंदन हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी. इस अर्जी में बैंक ने कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की थी, जिससे कि माल्या से लगभग 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके. किन्तु लंदन हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई टाल दी.
हाई कोर्ट की दिवालिया शाखा के जस्टिस माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि, 'जब तक भारत के शीर्ष अदालत में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय में समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें समय दिया जाना चाहिए. ‘चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट’ के जस्टिस ब्रिग्स ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि इस वक़्त बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का अवसर देने की कोई वजह नहीं है.
आपको बता दें, SBI के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का आग्रह किया है. ताकि उससे लगभग 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके. भारत में भगोड़े घोषित किए जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या ने गत माह भी सारा कर्ज लौटाने की बात कही थी. ट्विटर पर विजय माल्या ने ऐसी अपील की किन्तु कहा कि बैंक और प्रवर्तन निदेशालय इसमें उसकी सहायता नहीं कर रहे हैं.
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