नईदिल्ली। अक्सर दिन में या सूर्य की रोशनी में या फिर किसी बल्व व लैंप की तेज़ रोशनी में चलते और दोड़ते समय आपकी परछाई भी आपका अनुसरण करती है। अर्थात् जब आप दौड़ते हैं तो परछाई भी दौड़ती है। आप रूक जाते हैं तो परछाई भी रूक जाती है। बच्चे अपनी परछाई को देखकर कई बार खेलने लगते हैं। मगर क्या आपने यह सोचा है कि रोशनी के बाद भी यदि आपकी परछाई नज़र न आए तो क्या हो।
आपको अजीब सा लगेगा। आप परछाई तलाशते रहेंगे और वह ढूंढे नहीं मिलेगी। ऐसा ही अद्भुत खगोलीय घटनाक्रम बुधवार यानी 21 जून को हुआ। हालांकि आसमान में बादलों की मौजूदगी के कारण लोग इस घटना का अनुभव नहीं कर सके। यह दिन वर्ष का सबसे बड़ा दिन था।
दरअसल इस दिन दिन की अवधि 13 घंटे 34 मिनट रही। जबकि रात्रि 10 घंटे 26 मिनट की ही रही। इस दिन का खगोलीय महत्व अधिक है इस दिन से सूर्य अपनी स्थिति में परिवर्तन करने लगता है। इस दिन सूर्य कर्क रेखा पर अपने अधिकतम बिंदू पर होता है और इस अवधि में सूर्य की रोशनी में लोगों की परछाई नहीं बनती है। इस दिन के बाद सूर्य दक्षिणायन होने लगेगा और दिन की अवधि कम होने लगेगी। आप अनुभव करेंगे कि धीरे धीरे शाम को सूर्य जल्दी ढलने लगेगा। इस घटना का खगोल जगत में बड़ा महत्व है।
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