पटना : राज्य के लोग बाढ़ से पीड़ित होकर राहत शिविरों की शरण में है। यहां की नीतीश सरकार ने भले ही राहत शिविरों में लोगों की भूख मिटाने और पीने के पानी की व्यवस्था का दावा किया हो लेकिन असल में स्थिति यह है कि अधिकांश शिविरों में खाने की पर्याप्त सामग्री नहीं पहुंच रही है तथा खाद्य सामग्री के लिये शिविरों में लोग छीना झपटी कर रहे है।
ऐसे कई उदाहरण गुरूवार को सामने आये है। बिहार में बाढ़ के कारण हाल बेहाल हो गये है। कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है और शहरों की काॅलोनियां जल मग्न हो गई है। राहत शिविरों में बाढ़ पीड़ितों के लिये सरकार की ओर से व्यवस्था की गई है, लेकिन जिस तरह से व्यवस्थाएं की गई है, वह नाकाफी सिद्ध हो रही है।
बाढ़ पीड़ितों ने दर्द बयां किया है कि उन्हें खाने के लिये तरसना पड़ रहा है, क्योंकि खाने के लिये जितनी सामग्री भेजी जा रही है वह शिविरों में ठहरे लोगों के लिये कम पड़ रही है तथा ऐसी स्थिति में लोग एक दूसरे से झगड़ा करते हुये सामग्री पर टूट पड़ रहे है। गौरतलब है कि राज्य के कई हिस्सों में बाढ़ ने तांडव मचा रखा है। राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने स्थिति से पीएम नरेन्द्र मोदी को पहले ही अवगत करा दिया था और उन्होंने केन्द्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया था। गुरूवार को ही राजद प्रमुख लालूप्रसाद यादव ने यह आरोप लगाया है कि केन्द्र सरकार बिहार सरकार को मदद नहीं कर रही है।