जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका में भारत के एक अधिकारी के साथ लूट की वारदात हो गई। यह लूट डरबन में भारत के महावाणिज्य दूत शशांक विक्रम के परिवार के सदस्यों के साथ हुई। उनके परिवार के सदस्यों, घरेलू कर्मचारी व वहां पहुंचे एक शिक्षक को बंधक बना लिया गया। बंधक बनाए गए, लोगों में दो बच्चे भी शामिल हैं। इस मामले में दूत एसके पांडे ने कहा कि, वे लोग ठीक हैं, मगर उन्हें सदमा पहुंचा है, लूटेरों ने बंधक बनाए गए लोगों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।
लूटेरों ने यहां काम करने वाले सहायक का मोबाईल फोन ले लिया। भारत द्वारा दक्षिण अफ्रीका के सामने, इस तरह की वारदात का मामला उठाया है। इस वारदात को लेकर, जांच की जा रही है। दक्षिण अफ्रीका के सुरक्षा अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि, इस मामले में दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा।
भारत ने दक्षिण अफ्रीका को वियना संधि का हवाला दिया और कहा कि, राजनयिक कर्मचारियों व संपत्तियों की सुरक्षा दक्षिण अफ्रीका की सरकार की जिम्मेदारी है। इस वारदात के बाद, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षिण अफ्रीका के दूतावास में चर्चा की। उन्होंने भारत से मदद का आश्वासन दिया। भारत ने कहा है कि,उसके लिए अपने राजदूतों और कर्मचारियों की सुरक्षा प्राथमिकता में से एक है। सरकार विदेश में रहने वाले कर्मचारियों और उनके परिवार की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है।
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