भगवान गणेश के बारे में बहुत सारी बातें प्रचलित है. हालांकि उनके शरीर के रंग के बारे में जब बात आती है तो हर कोई इसके बारे में नहीं जानता है. ऐसे में आज हम आपको भगवान गणेश के शरीर के रंग समेत उनसे जुड़ीं कुछ ख़ास बातें बताने जा रहें हैं, तो आइए जानते हैं इसके बारे में...
श्री गणेश का रंग...
श्री गणेश के रंग को लेकर कहा जाता है कि भगवान गणेश का रंग वर्ण लाल एवं हरा है. ये दोनों ही रंग क्रमश: शांति और समृद्धता के प्रतीक माने जाते हैं. शिवपुराण में गणेश जी के रंग का उल्लेख मिलता है.
माता पार्वती के कारण हुआ गणेश जी का जन्म...
माता पार्वती ने एक बार स्नान से पूर्व अपने उबटन से एक प्रतिमा का निर्माण किया और फिर उस प्रतिमा में माता ने प्राण डाल दिए. इस तरह से श्री गणेश का जन्म माता पार्वती के द्वारा हुआ. बता दें कि इसके संबंध में सुझाव माता को उनकी सखियों द्वारा दिया गया था. उनकी सखियां जया और विजया ने माता से कहा था कि वे शिव जी की ही तरह एक ऐसे गण का निर्माण करें जो कि आपकी आज्ञा का पालन करें.
गणेश जी ने लिखी महाभारत...
गणेश जी को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि वे महाभारत के भी लेखक है. इस बात से हर कोई परिचित है कि महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी हैं, हालांकि इसे लिखा भगवान गणेश ने था. विशेष बात यह है कि महाभारत लिखने के दौरान गणेश जी के हाथ नहीं रुके. इस पर वेदव्यास जी ने श्री गणेश से कहा कि वे हर एक श्लोक को समझकर ही लिखे. वेदव्यास जी श्लोक बोलते और पल भर में ही श्री गणेश उसे समझकर लिखने लगते. श्री गणेश जी द्वारा महाभारत लिखने के दौरान का एक किस्सा यह भी प्रसिद्ध है कि गणेश जी के पास महाभारत लिखने के लिए कुछ मौजूद नहीं था, ऐसे में श्री गणेश ने अपने एक दांत को तोड़कर उससे महाभारत लिखी थी.
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