1- शांति और आत्म-नियंत्रण अहिंसा है .
2- प्रत्येक जीव स्वतंत्र है. कोई किसी और पर निर्भर नहीं करता.
3- भगवान् का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है. हर कोई सही दिशा में सर्वोच्च प्रयास कर के देवत्त्व प्राप्त कर सकता है.
4- प्रत्येक आत्मा स्वयं में सर्वज्ञ और आनंदमय है. आनंद बाहर से नहीं आता.
5- हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो. घृणा से विनाश होता है.
6- सभी मनुष्य अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं , और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं.
7- अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है.
8- स्वयं से लड़ो, बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयम पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी.
9- आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है. असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं , वो शत्रु हैं क्रोध , घमंड , लालच ,आसक्ति और नफरत.
10- खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है.