सनातन धर्म में सावन को शिव जी का प्रिय महीना माना गया है। देवों के देव महादेव को समर्पित ये पावन माह जल्द ही आरम्भ होने वाला है। इस माह में महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्तों के द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही सावन महीने में हर सोमवार का व्रत रखा जाता है तथा विधि पूर्वक शिव जी की पूजा की जाती है। इस पूरे माह में देश भर के शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ देखने को मिलती है। मान्यता है कि जो कोई भक्त सावन महीने में पड़ने वाले हर सोमवार को विधि पूर्वक पूजा करता है उसे महादेव का आशीर्वाद मिलता है। सावन में सोमवार का व्रत रखने से अविवाहित लड़कियों को योग्य वर प्राप्त होता है तथा शादीशुदा जातकों का वैवाहिक जीवन सुखमय होता है। इसके अतिरिक्त इस दिन पूजा के दौरान भगवान शिव शंकर की आरती करने से श्रद्धालुओं के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। नीचे शिव जी की आरती दी जा रही,
ॐ जय शिव ओंकारा… आरती
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा
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