महाभारत के संबंध में हजारों कथाएं प्रचलित हैं जो आप सभी ने सुनी, पढ़ी या देखी होंगी. इसी के साथ यह भी सभी जानते हैं कि युद्ध के पूर्व अर्जुन ने माता पार्वती की साधना कर उनसे युद्ध में विजयी होने के आशीर्वाद प्राप्त किया था लेकिन यह कम ही लोग जानते हैं कि एक बार भगवान शिव की किरात बनकर अर्जुन की जान बचाई थी लेकिन अर्जुन भगवान शिव से ही युद्ध करने लग गए. जी हाँ, आज हम आपको बताने जा रहे हैं वह कथा.
शिव भगवान का किरात अवतार :- प्रचलित मान्यता के अनुसार वनवास के दौरान जब अर्जुन भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए तपस्या कर रहे थे, तभी दुर्योधन द्वारा भेजा हुआ मूड़ नामक दैत्य अर्जुन को मारने के लिए शूकर (सुअर) का रूप धारण कर वहां पहुंचा. उस दैत्य को साधारण बाण से नहीं मारा जा सकता था.
यह देखकर भगवान शिव किरात वेष धारण कर वहां पहुंच गए. अर्जुन ने शूकर पर अपने बाण से प्रहार किया, उसी समय भगवान शंकर ने भी किरात वेष धारण कर उसी शूकर पर बाण चलाया. शिव की माया के कारण अर्जुन उन्हें पहचान न पाए और शूकर का वध उसके बाण से हुआ है, यह कहने लगे. इस पर दोनों में विवाद हो गया. अर्जुन ने किरात वेषधारी शिव से युद्ध किया. अर्जुन की वीरता देख भगवान शिव प्रसन्न हो गए और अपने वास्तविक स्वरूप में आकर अर्जुन को कौरवों पर विजय का आशीर्वाद दिया.
21 जून को है सूर्य ग्रहण, सूतक काल में करें इन मन्त्रों का जाप
महाभारत से जुड़े इस रहस्य को सुनते ही खड़े हो जाएंगे आपके रोंगटे