हिन्दू धर्म में प्राचीन मंदिरों और पर्वतों की अधिक मान्यता है इस धर्म में ऐसा कहा जाता है की भगवान अभी भी इस संसार में जगह जगह व्याप्त है इसका सबसे बड़ा सबूत आपको उत्तराखंड में देखने को मिलेगा यंहा पर भक्त लोगो का 12 महीने आना जाना लगा रहता है ऐसा कहा जाता है की उत्तराखंड में कैलाश पर्वत पर अभी भी भगवान शिव के अंश देखने को मिलते है. और ऐसा मानना है की उत्तराखण्ड में कैलाश पर्वत पर भगवान शिव और माता पर्वती की छवि देखने को मिली थी. जिस दिन यह छवि कैलाश पर्वत पर उभरी थी उस दिन हजारो लाखो लोगो की भीड़ यहाँ एकत्रित हो गयी थी, लोगो ने इस पल को अपने कैमरे में कैद कर लिया और आज यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है.
पर अगर सच में देखा जाये तो ये सुनने को मिल रहा है कि ये तस्वीरे 2005 की है जो गूगल अर्थ से ली गयी है और ये अब वायरल हो रही है. तो क्या हम ये समझे कि श्रद्धा के नाम पर लोगों की भावनाओ से खिलवाड़ किया जा रहा है और जो तस्वीरे तब देखी गयी थी वो आज लोगों के सामने दिखा कर उनको झूठ दिखाया जा रहा है. वैसे आपको बता दे ये तस्वीरे तब एक यूट्यूब यूजर द्वारा अपलोड करके डाली गयी थी. लेकिन अगर आज की बात करे तो इस समय लोग इन तस्वीरो को देख कर काफी उत्साह दिखा रहे है. इसलिए तो यूट्यूब पर इसे 10 हज़ार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है और फेसबुक पर भी हज़ारो लाइक्स मिल चुके है. फ़िलहाल इन तस्वीरो को लेकर अभी और प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद भी बाकी नज़र आ रही है.
भक्तो के लिये भगवान की छवि जरुरी है जबकि ये नहीं की छवि कब और कैसे बनी और जो लोग इस बात पर विश्वास नहीं करते उन लोगो का कहना है की जब बादल तैर कर अलग अलग प्रकार की आकृतियां बनाते है तो लोग उसे किसी भी तरह भगवान से जोड़ देते है. अब इस बात में कितना सच है और कितना झूठ ये तो कहा नहीं जा सकता क्योंकि सबकी अपनी अपनी सोच होती है.
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