आज के दौर में म्यूजिक सुनने का जितना क्रेज बढ़ता जा रहा है उसके साथ उतनी ही बहरेपन की समस्या भी बढ़ती जा रही है. जिसमे बहरेपन की इस समस्या का सबसे बड़ा कारण तेज आवाज में गाने और म्यूजिक सुनना है. इसके बारे में हाल में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने इस बारे में बताया कि दिन प्रतिदिन बहरेपन की समस्या बढ़ने के कारण इसके मरीजो की संख्या भी बढ़ रही है. जिसके चलते इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने शोर से होने वाली बहरेपन की समस्या के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए ‘सेफ साउंड इनिशिएटिव’ की शुरुआत की है.
लोगो में बहरेपन की समस्या इयरफोन, हेडफोन और मोबाइल फोन जैसे गैजेट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की वजह से हो रही है. लंबे समय तक म्यूजिक सुनने के कारण ‘थर्मल एंड हाई फ्रीक्वेंसी हीयरिंग लॉस’ की सम्भावना बढ़ जाती है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य, कानूनी और संगठनात्मक मुद्दों के साथ-साथ शोर की समस्या के बारे में विचार विमर्श किया जायेगा.
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