व्यक्ति का जीवन कई प्रकार की धारणाओं से भरा होता है, इन्ही में से अगर प्रेम की बात करें, तो यह भी मानव के जीवन का एक अहम हिस्सा है। इसके बिना मानव का जीवन कठोर हो जाता है। मानव जीवन में प्रेम की एक अपनी अलग ही महत्ता है, जो उसके जीवन में एक अहम स्थान रखती है। जीवन में प्रेम कि महत्ता को समझने के लिए अभाव बहुत जरूरी माना गया है, जिसके जीवन में प्रेम है वहां किसी न किसी प्रकार का अभाव जरूर दिखायी देगा। आज हम आपसे एक ऐसे ही प्रेम भरी कहानी सुनाने जा रहे हैं। जिसे सुनने के बाद आपको भी अभाव के प्रेम कि महत्ता समझ आ जाएगी।
एक दिन किसी होटल में दो बुजुर्ग पति-पत्नी खाना खाने गए। खाना आया, पहले पति ने खाना शुरू किया और बूढ़ी औरत आंचल से पंखा झेलने लगी। थोड़ी देर बाद पत्नी खाना खाने लगी और पति रूमाल से मक्खी उड़ाने लगा। दूसरी टेबल पर कुछ लोग और बैठे थे। लोगों ने देखा कि दोनों में कितना प्यार है। इस उम्र में कितने प्यार से दोनों एक-दूसरे को खाते समय पंखा झेल रहे हैं।
यह अच्छा दृश्य देखकर बगल के टेबल पर बैठे एक व्यक्ति ने पूछा, दादाजी ! इस उम्र में भी आप दोनों इतने प्यार से कैसे रह लेते हैं? यह सुनकर दादाजी ने कहा कैसे बेटे। फिर उस व्यक्ति ने कहा कि आप खाना खा रहे थे, तो दादी पंखा झेल रही थीं और दादी खाना खा रही थीं, तो आप पंखा झेल रहे थे। यह सुनकर वृद्ध व्यक्ति ने कहा कि दरअसल इसमें प्रेम की कोई बात नहीं है। हम दोनों के पास दांत का एक ही सेट है। इसीलिए बारी-बारी से खाना खाता हूं। सच पूछा जाए तो यही जीवन का रस है।
जब तक जीवन में रस बना रहता है तब तक जीवन में फूल खिलते रहते हैं। रस के सूखते ही जीवन नष्ट हो जाता है। हमें प्रयास करना है कि हमारे जीवन में प्रेम की कमी न हो, क्योंकि प्रेम ही है, जो मनुष्य को जीवित रखता है। इस संसार को जब कोई व्यक्ति प्रेम कर सकता है तो आप क्यों नहीं कर सकते हो। आपका मन विषाद और अप्रेम से घिरा है, जिस कारण आप किसी से प्रेम नहीं कर सकते। आपका मन इतना कुरूप हो गया है कि आप अपनी पत्नी और बच्चों से भी प्रेम नहीं कर सकते हो।
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