'लव जिहाद बकवास की बातें हैं, सरकार पागल हो गई है': NCP नेता जितेंद्र आव्हाड

'लव जिहाद बकवास की बातें हैं, सरकार पागल हो गई है': NCP नेता जितेंद्र आव्हाड
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मुंबई: लव जिहाद के मामले आजकल दिन पर दिन बढ़ रहे हैं। हालाँकि अब इन मामलों को लेकर एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने बयान दिया है। हाल ही में उन्होंने कहा- 'लव जिहाद वगैरह बकवास की बातें हैं। तलाक कहां नहीं होते हैं? महाराष्ट्र के शिंदे-फडणवीस सरकार में महिला और बालविकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा द्वारा लाया गया 10 सदस्यीय अंतर्जातीय-अंतरधार्मिक विवाह समन्वय समितिका गठन महाराष्ट्र को 200 साल पीछे ले जाने वाला कदम है।' जी हाँ और यह सभी बातें उन्होंने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कही। उन्होंने कहा कि, 'लव जिहाद का डर दिखाकर सरकार जाति और वर्णव्यवस्था को मजबूत करने का काम कर रही है। सरकार का यह सर्कुलर संविधान विरोधी और मौलिक अधिकारों का अतिक्रमण करने वाला है।'

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इसी के साथ जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि, 'धन्य है कि सरकार ने यह नहीं कहा कि वह शादी से पहले लड़के और लड़कियों की जन्मकुंडलियां देखेगी, तब ऐसी अंतर्जातीय और अंतरधार्मिक शादियों पर हामी भरेगी।' इसी के साथ एनसीपी नेता ने कहा कि, 'इस व्यवस्था के तहत अंतर्जातीय या अंतरधार्मिक विवाह से पहले इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। इसके बाद सरकारी पैनल लड़के-लड़कियों के अभिभावकों से इसकी चर्चा करेगी। ऐसे विवाहों का रिकॉर्ड रखने का सरकार को क्या अधिकार है? शादी हर शख्स का पर्सनल मामला है। सरकार तुरंत यह कदम वापस ले। जाति व्यवस्था को मजबूत करने का काम शुरू है।'

इसी के साथ आव्हाड ने आगे कहा कि, 'यह सरकार पागल हो गई है। इन्हें महाराष्ट्र का यह इतिहास पता होना चाहिए कि महात्मा फुले ने यशवंत नाम के ब्राह्मण बच्चे को गोद लिया था। शाहू महाराज ने अपने घर की पहली शादी एक धनगर समाज के परिवार से की थी। बाबासाहेब आंबेडकर की दूसरी पत्नी ब्राह्मण थी। वर्णव्यवस्था के विरोध में डॉ। बाबासाहेब ने मनुस्मृति जलाई थी। इसके बाद इस महाराष्ट्र में ढेर सारे अंतर्जातीय शादियां हुई हैं।'

इसके अलावा एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में पूर्व मंत्री ने कहा, 'लेकिन अब अंतर्जातीय विवाह करने से पहले सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी। यह कौन सी सिस्टम है? सरकार को बताने की क्या जरूरत है? जब 18 साल के बाद वयस्क होने की व्यवस्था है तो सरकार को शादी से पहले क्यों बताएं?' आव्हाड कहते हैं कि सर्कुलर में यह भी लिखा है कि सरकार ऐसी शादियों के वक्त बेटी के अभिभावकों से चर्चा करेगी। हो सकता है अभिभावक राजी ना हों और वे बच्चे अपने माता-पिता की इच्छा के विरुद्ध जाकर शादी कर रहे हों। लेकिन इसका ट्रैक रिकॉर्ड रखने वाले आप कौन? कई बार ऐसी लड़कियों से उनके माता-पिता जिंदगी भर बात नहीं करते, लेकिन बेटी का घर-परिवार ठीक तरह से चलता है।

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