कोलकाता: लव जिहाद के मामले को विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) लम्बे समय से उठता रहा है, लेकिन अब विहिप ने इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है. अब विश्व हिन्दू परिषद् लोव जिहाद के बारे में जागरूकता फ़ैलाने के लिए घर-घर जाकर लोगों को इससे बचने और इसे पहचानने के गुर सिखाएगा. विहिप द्वारा उन महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिन्होंने दूसरे धर्म में शादी की है और परेशान हैं. ऐसी महिलाओं को विहिप का कहना है कि अगर उन्होंने दूसरे धर्म में शादी की है और अगर उन्हें लगता है कि शादी के नाम पर वे लव जिहाद का शिकार हो गई हैं तो उन्हें कुछ काम करने होंगे.
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विहिप द्वारा उन्हें मांग में सिंदूर लगाने,मंगलसूत्र पहनने और हिन्दू त्यौहार मनाने जैसे सुझाव दिए जा रहे हैं. विहिप के इस अभियान में बजरंग दल और दुर्गावाहिनी के सदस्य भी जुड़ गए हैं. बजरंग दल के 40 हज़ार और दुर्गावाहिनी के 35 हज़ार सदस्य लव जिहाद एक खिलाफ राज्य में घर-घर जाकर पर्चे बाटेंगे. पश्चिम बंगाल वीएचपी के सचिव सचिंद्रनाथ सिन्हा का कहना है कि हम सभी हिंदू परिवारों को इस बारे में क्या करना है और क्या नहीं करना है, इस बारे में बताएंगे.
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उन्होंने कहा कि यदि कोई लड़की इसका शिकार बन चुकी है, तो हम उसे बताएंगे कि वह ऐसे में अब उसे क्या करना है. इसके अलावा हम उन माता पिता की काउंसलिंग भी करेंगे, जिनकी बेटी लव जिहाद का शिकार हुई है. इसके अलावा उन्हें कानूनी मदद भी उपलब्ध कराएंगे.वीएचपी के प्रवक्ता सौरिश मुखर्जी का कहना है कि हमने उन परिवारों की लिस्ट तैयार कर ली है, जिनकी बेटियां लव जिहाद के जाल में फंस गई हैं. हम उनके घरों में जाएंगे. उन्होंने कहा, हम लव के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन लव जिहाद से हमारी लड़ाई है, जो हिंदू लड़कियों को उनके धर्म से दूर करने की साजिश है.
आखिर क्या है लव जिहाद
लव जिहाद या रोमियो जिहाद के तहत युवा मुस्लिम लड़के और पुरुष गैर-मुस्लिम लड़कियों के साथ प्यार करते हैं, यह शब्द भारत सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है किन्तु कथित रूप से इसी तरह की गतिविधियाँ यूके आदि देशों में भी हुई हैं. केरल हाईकोर्ट के द्वारा दिए एक फैसले में लव जेहाद को सत्य पाया है. केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी ने बकायदा इस पर सदन में एक रिपोर्ट रखी. 25 जून 2014 को मुख्यमंत्री चांडी ने विधानसभा में जानकारी दी थी कि 2667 युवतियां 2006 से लेकर अब तक प्रेम विवाह के बाद इस्लाम कबूल कर चुकी हैं. वहीं केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल ने इससे पहले 2009 में ये आंकड़ा 4500 बताया था. इसके अलावा एक अन्य संस्था ने कर्नाटक में 30 हजार लड़कियों के लव जिहाद की होने की बात कही थी. श्री नारायण धर्म परिपालन समिति के महासचिव वेलापल्ली नतेसन ने कहा था कि उनकी संस्था को पाकिस्तान और यूके में भी इसी तरह की कोशिशों की कई शिकायतें परिवारों की तरफ से आई हैं.
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