बॉलीवुड के मशहूर दिग्गज सुपरस्टार दिलीप कुमार और सायरा बानो की प्रेम कहानी आज के कपल्स के लिए बहुत मोटिवेटिंग हैं। दोनों ने सिद्ध कर दिया कि यदि प्यार सच्चा हो तो चाहे कितनी भी समस्यां आए आप अपने प्यार को कभी नहीं खो सकते। दिलीप एवं सायरा बानो की आयु में 22 वर्ष का फासला था, मगर उनके प्यार ने इस फासले को कभी अपने संबंधों में नहीं आने दिया। वहीं सायरा हमेशा दिलीप कुमार के साथ उनके समर्थन बनकर खड़ी रहीं, उन्होंने सिद्ध किया है कि उनका प्यार दिलीप कुमार के लिए सच्चा था।
बता दें कि जब दिलीप कुमार की मूवी मुगल-ए-आजम वर्ष 1960 में मुंबई के लोकप्रिय मराठा मंदिर में रिलीज हुई थी तब 16 वर्ष की सायरा बानो अपने पसंदीदा हीरो को देखने वहां गई थीं। मगर वहां जाकर सायरा का दिल टूट गया था क्योंकि दिलीप कुमार उस प्रीमियर में नहीं आए थे। सायरा इस बात से बहुत दुखी हो गई थीं। हालांकि फिर उन्होंने स्वयं हिंदी फिल्मों में काम करने का निर्णय लिया। मूवीज में काम करने के पश्चात् एक बार सायरा की भेंट दिलीप साहब से हो गई। उस समय सायरा अपनी नजरें दिलीप साहब से नहीं हटा पाई थीं।
पहली मुलाकात में क्या हुआ था:-
अपनी पहली भेंट के बारे में चर्चा करते हुए सायरा ने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘जब मैं पहली बार उनसे मिली थी तो वह मुझे देखकर हँसे थे तथा उन्होंने बताया था कि मैं खूबसूरत हूं। उनकी बात को सुनकर मैं बेहद अधिक खुश हुई थी। सिर्फ तभी मैंने सोच लिया था कि मुझे अब दिलीप साहब की पत्नी बनना है।’
मां ने कहा था बेटी सायरा से शादी कर लो:-
बता दें कि शम्मी कपूर के साथ मूवी जंगली में काम करने के पश्चात् सायरा की राजेंद्र कुमार के साथ डेटिंग की ख़बरें आने लगीं। इसके पश्चात् सायरा की मां नसीम बानू ने दिलीप कुमार से बात की तथा बताया कि सायरा से इस बारे में बात करो तथा उन्हें समझाओ। सायरा की मां दोनों के रिश्ते की खबरों से खुश नहीं थीं तथा वे चाहती थीं कि दोनों का मिलना बंद हो जाए। बता दें कि सायरा की मां वो पुल थीं जिन्होंने इन दोनों के दिलों को जोड़ा।
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