बड़े व्हील रिम और लो-प्रोफाइल टायरों का इस्तेमाल किया जाता है। ये टायर सामान्य टायरों की अपेक्षा पतले होते हैं ताकि बड़े व्हील पुराने व्हील खांचे में ही सेट हो जाएं। हालांकि, ये टायर जरा हटकर नजर आते हैं, लेकिन इससे पहले कि आप इन्हें खरीदने के लिए दौड़ पड़ें कुछ बातों का खयाल जरूर रखे-
लो- प्रोफाइल टायरों का पहलु अनुपात आमतौर पर 60 से शुरू होता है। और जैसे-जैसे साइड वॉल पतली होती जाती है यह संख्या कम होती जाती है। ये टायर आपकी कार के लुक्स को शानदार तरीके से बढ़ाते ही हैं साथ ही हैंडलिंग और ग्रिप बेहतर हो जाती है, खासकर गर्मी के दिनों में। इसके साथ ही आपके कार की ब्रेक भी बेहतर हो जाती है। इसमें टायर का अधिक हिस्सा जमीन के साथ लगता है, इससे यह सामान्य टायर के मुकाबले अधिक घर्षण देता है। प्रोफाइल टायर आपकी कार के कॉर्नर को खूबियां देती है। टायर के कोने चौड़े होने के कारण यह कॉर्नर फोर्सेज का बेहतर तरीके से सामना कर सकते हैं। इसके साथ ही स्टीयरिंग के बेहतर क्षमता में तौर पर देख सकते हैं।
इसमें कुछ कमियां भी है। लो-प्रोफाइल टायरों और रिम को पहुंचने वाला नुकसान अतिसंवेदनशील है, क्योंकि इन टायरों में हवा का दबाव कम होता है, इसलिए खराब कंकड़-पत्थर वाली सड़कों पर इन टायरों से चलना बहुत मुश्किल हो सकता है और क्योंकि इन टायरों का ज्यादा हिस्सा सड़क के संपर्क में रहता है इसलिए इनकी आवाज भी ज़्यादा होती है। फ्यूल इकॉनॉमी भी बढ़ जाती है और इतना ही नहीं, ये टायर महंगे हैं और इनकी कीमत सामान्य टायरों के मुकाबले काफी अधिक होती है।