लखनऊ: बिहार की तर्ज़ पर अब उत्तर प्रदेश में भी शराबबंदी के लिए पुरज़ोर प्रयत्न किए जा रहे हैं. शराबबंदी संयुक्त मोर्चा जगह-जगह सम्मलेन करके महिलाओं को इकठ्ठा कर रहा है, ताकि विरोध को और बल मिल सके. यूपी को शराब मुक्त प्रदेश बनाने के लिए शराबबंदी संयुक्त मोर्चा 30 जनवरी को महात्मा गांधी बलिदान दिवस से, लखनऊ समेत देश के दस प्रांतों की राजधानियों में शराबबंदी सत्याग्रह कर प्रेसिडेंट को संबोधित कर ज्ञापन भेजेगा.
शराबबंदी संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक सुल्तान सिंह ने कहा हैं कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी एक सन्यासी हैं और सन्यासी के राज्य में शराब के ठेके नहीं होने चाहिए. सुल्तान सिंह ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि शराब के कारण महिलाओं और बच्चों की दुर्गति हो रही है. जहां शराबी पति पीकर अपनी बीवी को मारता पीटता है, वहीं उसके बच्चों के स्कूल और देखभाल में लगने वाले पैसे भी शराब हजम कर जाती है.
उन्होंने आगे कहा कि, प्रदेश की कानून व्यवस्था खराब करने में शराब और बेरोज़गारी का बहुत बड़ा योगदान है. सरकार बिना इसकी परवाह किए जगह-जगह शराब के ठेके खोलकर समाज की सबसे बड़ी बुराई को बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि, विगत कई सालों से शराबबंदी संयुक्त मोर्चा ने प्रदेश में शराबबंदी आन्दोलन को प्रभावी ढंग से चलाया है, जिससे पूरे प्रदेश में हलचल पैदा हो गई है. हम आगे भी इसी तरह आंदोलन करते रहेंगे, जब तक समूचे भारत में शराब के ठेके बंद नहीं हो जाते .
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