लुधियाना. लुधियाना हादसे के 60 घंटे बीत जाने के बाद भी नैशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स के जवान लगातार बिना थके व रुके काम कर रहे हैं ताकि मलबे में फंसे बाकी लोगों को जिंदा बाहर निकाला जा सके.
एन.डी.आर.एफ. के कमांडैंट रवि कुमार व सैकेंड कमांडैंट शशि चंद्र ने कहा कि "हमारी कोशिशें लगातार जारी हैं कि अधिक से अधिक इंसानी जिंदगियों को महफूज रूप से दबे हुए मलबे से बाहर निकाला जा सके. जिसके लिए हमारी टीमें गत सोमवार से ही जमींदोज हुई बहुमंजिला इमारत के मलबे को हटाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. लेकिन इसमें सबसे बड़ी समस्या इमारत का नक्शा मौजूद न होने से है, क्योंकि अगर हादसाग्रस्त इमारत का नक्शा हमारे हाथों में होता तो हमें इस बात की जानकारी आसानी से मिल सकती थी कि बिल्डिंग के अंदर की पिक्चर क्या है और इन परिस्थितियों से कैसे निपटा जा सकता है." उन्होंने कहा कि "एन.डी.आर.एफ. के जवान जब स्टॉप पर पहुंचते हैं तो वे अपनी काबलियत के दम पर कई अन्य रास्ते निकाल लेते हैं लेकिन अगर बिल्डिंग का नक्शा होता तो इस सच्चाई का आसानी से पता चल पाता कि इमारत का कौन-सा हिस्सा ब्लॉक है और कौन-सा ओपन है लेकिन फिर भी हमारी टीमें प्रत्येक प्रकार की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं."
बिल्डिंग में मौजूद कैमिकल पदार्थ व थम-थमकर उठ रही आग की लपटों से रहत कार्य में बाधा आ रही है, साथ ही यह खतरा भी पैदा कर रही है कि अगर मलबे के नीचे कैमिकल ड्रम या कैन मौजूद हुए तो एक बार फिर से कुछ जोरदार धमाके हो सकते हैं.
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