राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में लंपी वायरस ने भयंकर तबाही मचाई हुई है। जी दरअसल इस समय देशभर में इस वायरस से 60 हजार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि इस समय पशुपालकों का व्यवसाय तबाह हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए उत्तर प्रदेश के चंदौली में भी जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर है। जी हाँ और जिला प्रशासन की तरफ से बकायदा एडवाइजरी जारी की गई है। अब आज हम आपको बताते हैं लम्पी संक्रमण से बचने के लिए पशुओं को कौन सी औषधियां देनी है।
लम्पी संक्रमण से बचने के पशुओं को दें यह औषधियां- लंपी संक्रमण से बचाने के लिए पशुओं को आंवला,अश्वगन्धा, गिलोय एंव मुलेठी में से किसी एक को 20 ग्राम की मात्रा में गुड़ मिलाकर सुबह शाम लड्डू बनाकर खिलाएं। तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी , दालचीनी 05 ग्राम सोठ पाउडर 05 ग्राम , काली मिर्च 10 नग को गुड़ में मिलाकर सुबह शाम खिलाएं। इस संक्रमण को रोकने के लिए पशु बाड़े में गोबर के कण्डे में गूगल,कपूर,नीम के सूखे पत्ते , लोबान को डालकर सुबह शाम धुआँ करें। इसी के साथ पशुओं के स्नान के लिए 25 लीटर पानी में एक मुट्ठी नीम की पत्ती का पेस्ट एंव 100 ग्राम फिटकरी मिलाकर प्रयोग करें। घोल के स्नान के बाद सादे पानी से नहलाएं।
संक्रमण होने के बाद इन देशी औषधियों का करें इस्तेमाल- अगर आपके पशु को लंपी वायरस का संक्रमण हो जाता है तो एक मुट्ठी नीम के पत्ते, तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी,लहसुन की कली 10 नग लौग 10 नग,काली मिर्च 10 नग जीरा 15 ग्राम हल्दी पाउडर 10 ग्राम पान के पत्ते 05 नग, छोटे प्याज 02 नग पीसकर गुंड में मिलाकर सुबह शाम 10-14 दिन तक खिला सकते हैं।
संक्रमण के दौरान खुले घाव के देसी उपचार- नीम के पत्ते एक मुट्ठी , तुलसी के पत्ते एक मुट्ठी , मेहंदी के पत्ते एक मुट्ठी लेहसुन की कली 10 हल्दी पाउडर 10 ग्राम , नारियल का तेल 500 मिलीलीटर को मिलाकर धीरे-धीरे पकाये तथा ठण्डा होने के बाद नीम की पत्ती पानी में उबालकर पानी से घाव साफ करने के बाद जख्म पर लगा सकते हैं।
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