8 नवंबर को 8:30 बजे से लग जाएगा सूतक, भूल से भी ना करें ये काम

8 नवंबर को 8:30 बजे से लग जाएगा सूतक, भूल से भी ना करें ये काम
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आप सभी जानते ही होंगे चन्द्र ग्रहण हर साल लगता है और साल 2022 का आखिरी चन्द्र ग्रहण 8 नवंबर को लगने जा रहा है। ऐसे में ग्रहण के समय तो सभी जानते हैं, कि क्या कार्य करें और किन कार्यों को करने से बचना चाहिए, लेकिन ग्रहण के सूतक काल में भी कुछ कार्यों को करने की मनाही है। जी दरअसल सूतक काल ग्रहण काल से लंबा होता है और चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे का होता है। आपको बता दें कि यह ग्रहण से पहसे शरू होता है। 8 नवंबर यानी कल पूर्णिमा पर लगने वाले ग्रहण का सूतक सुबह से ही शुरू हो जाएगा और शाम तक ग्रहण के समाप्त होने तक रहेगा, तो अब हम आपको बताते हैं इनमें क्या कार्य नहीं करने चाहिए। 

ग्रहण के समय किया जाने वाला कार्य :- खग्रास चन्द्र ग्रहण के सूतक काल में दान तथा जापादि का महत्व माना गया है। पवित्र नदियों अथवा सरोवरों में स्नान किया जाता है। इसी के साथ मंत्रो का जाप किया जाता है तथा इस समय में मंत्र सिद्धि भी की जाती है। तीर्थ स्नान, हवन तथा ध्यानादि शुभ काम इस समय में किए जाने पर शुभ तथा कल्याणकारी सिद्ध होते हैं। इसके अलावा धर्म-कर्म से जुड़े लोगों को अपनी राशि अनुसार अथवा किसी योग्य ब्राह्मण के परामर्श से दान की जाने वाली वस्तुओं को इकठ्ठा कर संकल्प के साथ उन वस्तुओं को योग्य व्यक्ति को दे देना चाहिए।

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सूतक में वर्जित कार्य:- 

ध्यान रहे सूतक के समय और ग्रहण के समय भगवान की मूर्ति को स्पर्श करना निषिद्ध माना गया है।
​* कहा जाता है खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य भी इस समय वर्जित हैं। 
​* सूतक के समय झूठ बोलना, छल-कपट, बेकार का वार्तालाप और मूत्र विसर्जन से परहेज करना चाहिए।
​* सूतक काल में बच्चे, बूढ़े, अस्वस्थ स्त्री आदि को उचित भोजन लेने में कोई परहेज नहीं हैं।
​* सूतक आरंभ होने से पहले ही अचार, मुरब्बा, दूध, दही अथवा अन्य खाद्य पदार्थों में कुशा तृण डाल देना चाहिए जिससे ये खाद्य पदार्थ ग्रहण से दूषित नहीं होगें। जी हाँ और अगर कुशा नहीं है तो तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं। घर में जो सूखे खाद्य पदार्थ हैं उनमें कुशा अथवा तुलसी पत्ता डालना आवश्यक नहीं है।
​* सूतक के समय गर्भवती महिलाएं पेट पर गोबर का लेप कर लें, चाकू-सुई इत्यादि से कोई कार्य न करे। वहीं अगर संभव हो तो टहलें। 
​* सूतक के सम सोये नही।

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