बाइबिल के अनुसार, धरती के विनाश का संकेत है चंद्रग्रहण

बाइबिल के अनुसार, धरती के विनाश का संकेत है चंद्रग्रहण
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नई दिल्ली: आज सदी का सबसे बड़ा चंद्र ग्रहण होने वाला है , जिसके बारे में अभी से टीका-टिप्पणी शुरू हो गई है. विश्वभर के लिए ये एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है, क्योंकि इस बार पूर्ण चंद्र ग्रहण होने वाला है, इसकी कुल अवधि 6 घंटा 14 मिनट रहेगी. कुछ लोग इसे धरती के विनाश का संकेत भी मान रहे हैं. उनके अनुसार बाइबिल में एक जगह इस चंद्रगहण को धरती के खात्मे का संकेत माना गया है.

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बाइबिल का हवाला देते हुए क्रिश्चियन मिनिस्टर 'जोन हेगी' और 'मार्क लिट्ज ने कहा है कि लगातार 4 चंद्र ग्रहण धरती के विनाश की ओर इशारा करते हैं. उन्होंने बताया कि बुक ऑफ़ जॉएल के अध्याय 2:30 से 31 तक में कहा गया है कि, 'और मैं स्वर्ग और धरती पर चमत्कार दिखाऊंगा, खून, आग और धुएं के खंभे.' साथ ही ये भी कहा गया है कि  'जीसस के आने से पहले सूर्य पर अंधकार छा जाएगा, चंद्रमा लाल रंग में बदल जाएगा.'

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इसी किताब के एक अन्य अध्याय में कहा गया है कि  धरती के अंत के समय भयंकर भूकंप आएंगे, सूर्य की रोशनी खत्म होकर अंधकार में बदल जाएगी और चांद का रंग खून की तरह लाल हो जाएगा. हालाँकि खगोलविदों ने इस बात को सिरे से नकार दिया है. उनका कहना है कि चांद के लाल पड़ने का कारण सूरज की रौशनी है जिसको 'रेले स्कैटरिंग' कहते हैं.

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