नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक हुई इस बैठक में उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के लिए एनडीए के ओर से एम वेंकैया नायडू का नाम स्वीकृत किया गया। उन्होंने अपना नामांकन दाखिल कर दिया। अपने नाॅमिनेशन से नायडू भावुक हो उठे। एम वैंकेया नायडू ने कहा कि भारत के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी के तौर पर वे गौरवान्वित अनुभव कर रहे हैं। एम वेंकैया नायडू द्वारा कहा गया कि पार्टी को छोड़ना उनके लिए आसान नहीं है, इसलिए भावुक हो रहे हैं।
एम वैंकेया नायडू को उपराष्ट्रपति चुने जाने का कारण बताया जा रहा है कि भाजपा दक्षिण भारत में अपनी पैठ बनाना चाहती है। वेंकैया को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार चुनने का एक बड़ा कारण दक्षिण में भाजपा के राजनीतिक विस्तार की कोशिश को माना जा रहा है। दक्षिण में भाजपा काफी प्रयासों के बावजूद अभी तक कर्नाटक से आगे नहीं बढ़ पाई है।
उसकी नजरें तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु पर भी हैं। आंध्र प्रदेश में फिलहाल भाजपा तेदेपा सरकार में शामिल है। लेकिन, विस्तार के लिहाज से आंध्र को अलग नहीं छोड़ा जा सकता। गौरतलब है कि वैंकेया नायडू के पास जो मंत्रालय थे उन्हें दूसरे मंत्रियों को सौंप दिया गया है। पार्टी के नेताओं से भी उन्होंने चर्चा की है।
मीडिया से उन्होंने कहा कि मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे चुका हूॅं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी जानकारी देकर उन्होंने पत्र भेज दिया है। वर्ष 2019 में वे फिर से प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी को देखना चाहते हैं। वे सामाजिक कार्यों में लगना चाहते थे। उनका कहना था कि वे किसी पार्टी से संबंध नहीं रखता हूॅं। नायडू 1978 में पहली बार उदयगिरी से विधायक बने थे।
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