आप सभी जानते ही हैं कि इन दिनों नवरात्रि चल रही है. ऐसे में माता दुर्गा हमेशा सिंह पर सवार रहती हैं और उन्हें अपना ये वाहन बहुत प्रिय है. ऐसे में कहते हैं कि शेर को शक्ति, भव्यता और विजय का प्रतीक माना जाता है और जो व्यक्ति मां दुर्गा के साथ उनके वाहन शेर की पूजा करता है, उस पर मां दुर्गा जल्दी ही मेहरबान हो जाती हैं. अब बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि आखिर मां दुर्गा ने अपने वाहन के रूप में शेर का ही चुनाव क्यों किया और इससे जुड़ी हुई रोचक कथा क्या है..? तो अगर आप भी उन्ही में से एक है जिन्हे इस बारे में नहीं पता तो आइए जानते हैं इसके बारे में.
पौराणिक कथा - पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा पार्वती का ही एक रूप हैं और एक समय वे कैलाश पर्वत को त्यागकर वन में तपस्या के लिए चली गईं. जब मां दुर्गा वन में तपस्या में लीन थीं तभी वहां एक शेर आया जो काफी समय से भूखा था. शेर ने मां दुर्गा को अपना भोजन बनाने का विचार किया और सोचा कि जैसे ही ये स्त्री उठेगी वैसे ही में इसे खाकर अपनी भूख शांत करूंगा.
शेर मां दुर्गा को बिना कोई क्षति पहुंचाए उनके पास ही बैठा रहा और मां की तपस्या खत्म होने का इंतजार करता रहा. वहीं जैसे ही मां की तपस्या पूरी हुई तो उन्होंने अपने पास उस शेर को बैठे देखा तो शेर की प्रतिक्षा से मां दुर्गा प्रसन्न हुईं और उसे अपना वाहन बना लिया.
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