आप सभी जानते ही हैं कि इस समय चैत्र नवरात्रि चल रही है और आज नवरात्र के आठवें दिन को महाष्टमी या दुर्गाष्टमी के नाम से जाना जाता है। जी हाँ, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महगौरी की पूजा विधि विधान से करते हैं और आज के दिन माता महागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है, साथ ही सुख-समृद्धि में कोई कमी नहीं होती है। कहा जाता है जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मां की कृपा से सभी कष्टों से भी मुक्ति मिल जाती है। ऐसे में आज महाष्टमी के दिन कन्या पूजन का विधान है क्योंकि इस दिन कन्याएं मां दुर्गा का साक्षात् स्वरूप होती हैं, इसलिए नवरात्रि के अष्टमी को कन्या पूजा की जाती है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि कौन हैं मां महागौरी, मां महागौरी की पूजा का महत्व और पौराणिक कथा.
कौन हैं मां महागौरी -आपको बता दें कि मां महागौरी अत्यंत गौर वर्ण की हैं। वह श्वेत वस्त्र और श्वेत आभूषण पहनती हैं, इसलिए उनको श्वेतांबरधरा भी कहते हैं। इसी के साथ मां महागौरी का वाहन बैल यानी वृष है, इसलिए उनको वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। कहते हैं वृष पर सवार चार भुजाओं वाली मां महागौरी एक दाहिनी भुजा में त्रिशूल और एक बाईं भुजा में डमरू धारण करती हैं। वहीं, एक दाहिनी भुजा अभय मुद्रा में और दूसरी बाई भुजा वरद मुद्रा में रखती हैं।
पौराणिक कथा - मां शैत्रपुत्री 16 वर्ष की अवस्था में अत्यंत गौर वर्ण की और सुंदर थीं, इसलिए उनका नाम महागौरी पड़ गया। लेकिन महागौरी से जुड़ी एक और कथा प्रचलित है। एक बार माता पार्वती भगवान शिव से नाराज होकर कैलास से कहीं दूर चली गईं। वर्षों तक साधना और कठोर तपस्या में लीन होने के कारण उनका शरीर अत्यंत गौर वर्ण का हो गया। जब भगवान शिव उनको खोजते हुए मिले तो देखकर चकित रह गए। तब उन्होंने माता पार्वती को गौर वर्ण का वरदान दिया, तब से माता पार्वती मां महागौरी कहलाने लगीं।
मां महागौरी की पूजा का महत्व - आप सभी को बता दें कि माँ के पूजन से जीवन में छाए संकट के बादलों को दूर किया जा सकता है और इसी के साथ पापों से मुक्ति के लिए मां महागौरी की पूजा कर सकते हैं. कहा जाता है महागौरी की आराधना से व्यक्ति को सुख-समृद्धि के साथ सौभाग्य भी प्राप्त होता है।
मां महागौरी की पूजा विधि - इसके लिए आपको प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर विधि विधान से मां महागौरी की पूजा करें। अब उनको नारियल का भोग लगाएं, जिससे वे प्रसन्न होकर आपकी संतान से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर देंगी। अब यह करने के बाद मां महागौरी के मंत्रों का जाप करें तथा अंत में मां महागौरी की आरती करें.
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