भोपाल: मध्य प्रदेश में करीब 3000 जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है। जी दरअसल बीते गुरुवार को जूनियर डॉक्टरों ने सामूहिक रूप से तमाम जिलों में इस्तीफा दे दिए थे। यह सब होने के बाद डॉक्टरों के मामले में सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने भी सभी जूनियर डॉक्टरों को 24 घंटे के अंदर काम पर वापस जाने के लिए कहा था। वहीँ उसके बाद अब जूडा हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का मन बना लिया है। इस मामले में जूडा का साफ कहना है जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी काम पर वापस नहीं लौटेंगे।
जी दरअसल हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए हड़ताल को असंवैधानिक बताया था और डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने का आदेश जारी किया था। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना के समय में जब डॉक्टरों की सबसे ज्यादा जरुरत है। ऐसे समय में हड़ताल करना बिल्कुल गलत है। ऐसे में कोर्ट ने डॉक्टरों से यह भी कहा था कि हड़ताल खत्म करके काम पर लौटे वरना सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। जब सरकार ने ज्यादातर मांगों को मान लिया है, तो डॉक्टर हड़ताल क्यों कर रहे हैं।
आपको बता दें कि बीते शुक्रवार को जूनियर डाक्टरों की हड़ताल को पांच दिन पूरे हो गए हैं। कुल पांच दिन से कोविड यूनिट, ओपीडी और अन्य सेवाएं शासकीय और मेडिकल कॉलेजों में बाधित हो गई हैं। वही डॉक्टरों की हड़ताल के कारण अलग-अलग विभागों में स्थानीय और बाहर से आने वाले मरीज भटककर परेशान हो रहे हैं। इस समय मरीजों को समय पर इलाज और दवाइयां नहीं मिल पा रहा है।
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