भोपाल: मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है, जिसके लिए राज्य में आचार संहिता लागू हो गई है. वहीं तमाम राजनितिक पार्टियां भी राज्य में अपना प्रचार करने में जुटी हुई है. इसी बीच शरद पंवार की अध्यक्षता वाली नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी मध्यप्रदेश चुनावों के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है, साथ ही एनसीपी ने यह ऐलान भी किया है कि वह राज्य की कुल 230 सीटों में से 200 से अधिक सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी.
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एनसीपी के इस ऐलान से पिछले 15 सालों से राज्य में सत्ता पाने के लिए तरस रही कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले हुए चुनावों इ भी एनसीपी ने कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध मारी थी.
यह है घोषणापत्र में
एनसीपी ने अपना घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि उनके लिए मध्यप्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा किसानों की सुरक्षा है, इसलिए वे किसानों की ऋण माफ़ी के साथ-साथ मुफ्त पानी व् बिजली भी देंगे. इसके साथ ही उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा के लिए इलाकों में सुरक्षाबल तैनात करने और पेट्रोल डीज़ल को GST के अंतर्गत लाने का वादा भी किया है.
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2013 में हुई थी सभी उम्मीदवारों की जमानत जब्त
2013 के विधानसभा चुनाव में भी एनसीपी ने 72 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, हालांकि उसके सारे उम्मीदवारों की जमानत राशि जब्त हो गई थी. लेकिन माना जाता है कि एनसीपी के ही कारण चार सीटों पर कांग्रेस की हार हुई थी, क्योंकि उन सीटों पर भाजपा ने जितने वोटों के अंतर से कांग्रेस को हराया था, उससे अधिक वोट तो एनसीपी को मिले थे.
एनसीपी के कारण इन सीटों पर हारी थी कांग्रेस
1- सरदारपुर निर्वाचन क्षेत्र, जिला धार, एनसीपी उम्मीदवार ने 2200 से अधिक वोट बटोरे, जबकि कांग्रेस 529 वोटों से हारी.
2- बारघाट निर्वाचन क्षेत्र, जिला सिवनी, एनसीपी उम्मीदवार के खाते में आए 1692 वोट और कांग्रेस 269 वोटों से हारी.
3- गुन्नौर सीट, जिला पन्ना, एनसीपी उम्मीदवार को मिले 1384 वोट और कांग्रेस 1337 वोटों से हारी.
4- छतरपुर विधानसभा, जिला पन्ना, एनसीपी उम्मीदवार ने हासिल किए 2251 वोट और 2217 से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
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