बैतूल: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में आज भी अंधविश्वास का भूत लोगों के सिर पर चढ़ा हुआ है. बैतूल में एक गांव ऐसा है, जहां प्रति वर्ष भूतों का मेला लगता है. इस मेले में देश के विभिन्न कोनों से मानसिक तौर पर बीमार लोग उपचार करवाने आते है. बैतूल में स्थित मलाजपुर गांव, जहां बीते 400 वर्षों से गुरु साहब की समाधि पर भूतों का मेला लग रहा है और इस गांव की पहचान भूतों के मेला के नाम से ही होती है.
जानकारी के अनुसार, मानसिक रूप से बीमार महिलाओं और पुरुषों को इस मेले में लाया जाता है और उनका उपचार अमानवीय तरीके से किया जाता है. बताया जा रहा है कि गुरु साहब की समाधि के समक्ष बैठे पुजारी भिखारी लाल यादव लोगों का उपचार करते हैं. जानकारी के अनुसार, वो एक हाथ में झाड़ू लेते हैं और दूसरे हाथ से महिलाओं और पुरूषों के बाल पकड़ते हैं और फिर जोर से मारते हैं.
वहीं उपचार करने वाले पुजारी भिखारी लाल यादव बताते हैं कि पूस महीने की पूर्णिमा से आरंभ होने वाले इस मेले में बड़ी तादाद में ऐसे मानसिक बीमार आते हैं, जिन्हे लगता है कि वो प्रेत बाधा से जूझ रहे हैं. पुजारी का कहना है कि हमारी मार से भूत भाग जाते हैं और समाधी के पास स्थित बरगद के पेड़ पर अपनी जगह बना लेते हैं, यही कारण है कि इस पेड़ के पत्ते हमेशा झुके रहते हैं
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