भोपाल: भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल की बिल्डिंग में संचालित हमीदिया अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में बीते सोमवार को आग लग गई थी। यहाँ आग में 4 बच्चे ज़िंदा जल गए और उनकी मौत हो गई। यहाँ आग लगने का कारण शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा। आप सभी को बता दें कि हमीदिया अस्पताल कैंपस में आग लगने की यह घटना बिल्डिंग की तीसरी मंजिल पर स्थित पीडियाट्रिक विभाग में हुई है। आपको बता दें कि जहाँ आग लगी थी उस वार्ड में 40 बच्चे थे, जिनमें से 36 सुरक्षित हैं। वहीं दूसरी तरफ शिवराज सरकार ने प्रत्येक मृतक के माता-पिता को 4 लाख रुपये की राशि देने का ऐलान किया है।
वहीं अस्पताल के स्टाफ से मिली जानकारी के अनुसार आग एनआईसीयू में शार्ट सर्किट के कारण लगी। यहाँ पूरा वार्ड नाम मात्र के फायर एस्टिग्युसर के भरोसे है। जी हाँ, फायर नार्मस के अनुसार एक्जिट गेट तक नहीं है। आपको बता दें कि 21 साल पुरानी बिल्डिंग में फायर हाइड्रेड लगे है, लेकिन इनकी लंबे समय से मरम्मत नहीं होने से ठप्प पड़े है। इसी के चलते आग तेजी से फैली। बताया जा रहा है आग के कारण एनआईसीयू और वार्ड धुंआ धुंआ हो गया। देखते ही देखते स्थिति यह हो गई थी कि लोग एक दूसरे को भी नहीं देख पा रहे थे। इसी के चलते बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं इस दौरान कुछ लोगों को अस्पताल परिसर में ही ट्रामा सेंटर में एडमिट किया गया। वहीं अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि आग लगने के बाद बिजली की आपूर्ति बंद करने के कारण अस्पताल के अन्य बच्चों के वार्डों के जीवन रक्षक उपकरण बंद हो गए।
जिनमें बैटरी बैकअप खत्म होने सके बाद कुछ वेंटीलेटर ने भी काम करना बंद कर दिया। उसके बाद वेंटीलेटर पर रहने वाले बच्चों को अंबूबैग से आक्सीजन देनी पड़ी, बाद में इन बच्चों को भी दूसरी मंजिल पर स्थित सर्जरी वार्ड में शिफ्ट करना पड़ा। इन सभी के लिए तुरंत स्टोर से 40 से 50 ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य उपकरण मंगाए गए और आग बुझाने के लिए दूसरे इलाकों से फायर ब्रिगेड और डॉक्टरों की टीमें बुलाई गईं।
'मेरे दो बच्चे फंसे थे, मैंने 25 शीशे तोड़े', भोपाल अग्निकांड में रोते-बिलखते परिजन
भोपाल: अस्पताल में आग लगने से ज़िंदा जले 4 बच्चे, मिलेगा 4-4 लाख रुपए का मुआवजा
बड़ी खबर: कैदी से बड़े लोगों के फ़ोन हैक करवाते थे अधिकारी, कमाए करोड़ों